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बच्चों के मनोविज्ञान को समझना है चुनौतीपूर्ण : प्रो. मैखुरी

श्रीनगर। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) चड़ीगांव में बाल मनोविज्ञान पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला शुरू हुआ जिसमें बाल मनोविज्ञान विभिन्न राज्यों से आए शोधार्थी, अध्यापक अध्यापिकाएं प्रतिभाग कर रहे हैं।
मंगलवार को डायट में आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन गढ़वाल विवि में शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. रमा मैखुरी ने किया। विवि में मनोविज्ञान विभाग में सेवारत असिस्टेंट प्रोफेसर मंजू खंडूड़ी ने जीवन पर मनोविज्ञान के प्रभाव पर विस्तार से जानकारी दी। शिक्षाविद डॉ. अरुण कुगशाल ने ग्रामीण परिवेश के मनोवैज्ञानिक प्रभावों की चर्चा की। अपर निदेशक प्रारंभिक शिक्षा बीएस रावत ने विद्यालय में मनोविज्ञान, किशोरावस्था पर पड़ने वाले प्रभावों पर विस्तार से बात रखी। डाइट के प्रभारी प्राचार्य डॉ. एमएस कलेठा ने कहा कि दो दिनों तक बाल मनोविज्ञान पर मंथन में जो संकल्प निकलेगा वह शिक्षा के क्षेत्र में एक अनूठा आयाम देगा। संचालन डाॅ. प्रमोद नौडियाल व शिवानी रावत ने किया। कार्यक्रम में समन्वयक डॉ. एनपी उनियाल, डाॅ. डीएस लिंगवाल, जितेंद्र राणा, विनय किमोठी, संगीता डोभाल, नीलिमा शर्मा, शकुंतला कंडारी, शालिनी भट्ट, जेएस कठैत, डॉ. एसके भारद्वाज, विमल मौजूद रहे।

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