उत्तराखंड बना साइबर ठगों का अड्डा, अब STF ने संभाला मोर्चा
उत्तराखंड में साइबर अपराध के मोर्चे पर पुलिस को दोहरी चुनौती से जूझना पड़ रहा है। पहली चुनौती साइबर ठगों के आए दिन बदलते हथकंडे हैं और दूसरी संसाधनों की कमी। साइबर अपराध के लंबित मुकदमों की बढ़ती संख्या से आरोपितों को पकड़ने के लिए आवश्यक संसाधनों और प्रशिक्षण की कमी साफ झलकती भी है।
अब एसटीएफ ने प्रदेश के दोनों साइबर थानों में मानव संसाधन में 50 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव तैयार कर पुलिस मुख्यालय के माध्यम से शासन को भेजा है। इसके अलावा एसटीएफ साइबर ठगों पर शिकंजा कसने के लिए साइबर कमांडो भी तैयार कर रही है, जिनको साइबर एक्सपर्ट प्रशिक्षित कर रहे हैं।
उत्तराखंड में हर वर्ष साइबर अपराध के औसत 1600 मामले आ रहे हैं। जबकि, अपराध की जांच और आरोपितों पर कार्रवाई के लिए साइबर थाने महज दो हैं। पहला देहरादून और दूसरा हल्द्वानी में। साइबर थानों में मानव संसाधन की बात करें तो देहरादून में 22, जबकि हल्द्वानी में महज नौ पद स्वीकृत हैं। दोनों थानों में पद वर्ष 2001 के नियतन पर स्वीकृत किए गए हैं, जबकि, साइबर अपराध साल दर साल तेजी से बढ़ रहा है। उस पर साइबर अपराध के मामले निपटाने के लिए रखे गए स्टाफ की ड्यूटी इनामी अपराधियों को पकड़ने में भी लगाई जा रही है। साइबर अपराध के मामलों का त्वरित गति से निस्तारण नहीं हो पाने की एक वजह यह भी है।
ऐसे बचें साइबर ठगी से
- इंटरनेट मीडिया, एसएमएस के माध्यम से आए किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
- किसी से भी एटीएम कार्ड का पासवर्ड और ओटीपी साझा न करें।
- मुफ्त कुछ नहीं मिलता। इसलिए मुफ्त मिलने संबंधी काल पर अलर्ट हो जाएं।
- बैंक कभी फोन करके केवाईसी कराने को नहीं कहता। ऐसे फोन आएं तो सतर्क हो जाएं।
- किसी व्यक्ति के कहने पर टीम व्यूवर, एनीडेस्क जैसे एप डाउनलोड न करें।
- विभिन्न साइट पर अपने पासवर्ड एक जैसे न रखें।
- पासवर्ड मुश्किल बनाएं और नियमित रूप से बदलते रहें।
साइबर क्राइम खत्म करने के लिए बना रोड मैप
साइबर ठगों से निपटने के लिए रोडमैप तैयार किया गया है। आमजन को जागरूक करने के साथ अपराध होने पर तत्काल कार्रवाई और जल्द से जल्द घटना का अनावरण करने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा अपराधी आसानी से जेल से बाहर न आने पाएं, इसके लिए उसने पूरे देश में जहां-जहां वारदात को अंजाम दिया, उसकी डिटेल निकलवाई जा रही है। -आयुष अग्रवाल, एसएसपी, एसटीएफ
एसटीएफ ने अब संभाला मोर्चा
- उत्तराखंड में साइबर ठगों के आए दिन बदलते हथकंडे के साथ संसाधनों की कमी से जूझ रही पुलिस एसटीएफ ने दोनों साइबर थानों में मानव संसाधन में 50 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव शासन को भेजा
- साइबर ठगी या ऐसे किसी अन्य अपराध का शिकार होने पर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर करें शिकायत
खुलेंगे आर्थिक अपराध थाना
आर्थिक अपराध थाना खोलने को कवायद तेज साइबर ठगों पर नकेल कसने के लिए एसटीएफ ने आर्थिक अपराध थाना खोलने की योजना बनाई है। पुलिस महानिदेशक खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समक्ष यह प्रस्ताव रख चुके हैं। आर्थिक अपराध थाने में 35 से 40 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। आर्थिक अपराध के मामलों में मुकदमा इसी थाने में दर्ज होगा।
अन्य प्रदेश के साइबर ठग भी हैं शामिल
अन्य राज्यों से बढ़ाएंगे समन्वय उत्तराखंड में हो रही अधिकांश साइबर धोखाधड़ी में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखंड और राजस्थान में बैठे साइबर ठगों का हाथ है। एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने साइबर थानों को निर्देशित किया है कि आरोपितों को पकड़ने के लिए संबंधित राज्यों से समन्वय बढ़ाएं। समन्वय बनाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बाकायदा इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर का गठन किया है।