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वाडिया इंस्टीट्यूट में साइंस आफ नेचर पर चर्चा

हेस्को, यूकोष्ट व वाडिया इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन जिओलाजी ने प्रकृति का विज्ञान पर चर्चा कर कहा कि विकास के साथ प्रकृति का संरक्षण जरूरी है। शुक्रवार को वाडिया इंस्टीयूट के सभागार में आयोजित कार्यशाला में आइडीएस के सचिव विश्वजीत सहाय ने कहा कि बढ़ते तापमान के कारण इस बार मानसून की गतिविधियां चिंताजनक रहीं। इसका उदाहरण हिमाचल है। इस पर फिर शोध की जरूरत है। हेस्को के संस्थापक डाॅ. अनिल जोशी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, समुद्र दो तिहाई है, लेकिन वो भी गर्त में जा रहा है। उसमें भी ब्लैकहोल बढ़ते जा रहे हैं। मानवीय गतिविधियों के कारण समुद्र का तापमान बढ़ता जा रहा है। निदेशक कालाचंद साईं ने कहा कि आपदाओं से हमने बहुत कुछ सीखा है, इस सीख से ही भविष्य में हम परिणाम को सोचकर ऐसी गलतियां नहीं करेंगे। इस मौके पर यूकोस्ट के महानिदेशक दुर्गेश पंत, डा. आरके सहगल आदि मौजूद रहे।

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