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अब कैंसर लाइलाज बीमारी नहीं

अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस के उपलक्ष्य में बुजुर्ग लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से एम्स में सार्वजनिक व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। जिसमें कैंसर विशेषज्ञों ने कैंसर बीमारी के विभिन्न पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी। कैंसर से जंग जीत चुके लोगों को सम्मानित किया गया। विशेषज्ञों ने कहा कैंसर अब लाइलाज बीमारी नहीं रह गई है।

बृहस्पतिवार को एम्स ऋषिकेश के मेडिकल ऑन्कोलॉजी व जेरियाट्रिक मेडिसिन विभाग की पहल पर आयोजित सार्वजनिक व्याख्यानमाला में कार्यक्रम में वक्ताओं ने बताया कि कैंसर अब लाइलाज बीमारी नहीं है। तत्काल उपचार शुरू कर दिया जाए तो कैंसर की बीमारी को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।

बताया कि फेफड़ों, पेशाब की थैली, बड़ी आंत और स्तन में कैंसर बनने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं। इसके अलावा महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर भी अब बहुतायत में देखने को मिल रहा है। इसके लिए आनुवांशिक कारणों के अलावा जीवन शैली में बदलाव और पर्यावरणीय कारण प्रमुख हैं। इसके लिए योगा, प्राणायाम, मेडिटेशन करने की सलाह दी गई। नशीले पदार्थ, तंबाकू उत्पादों और अल्कोहल का त्याग करने को कहा गया। जीवनशैली में बदलाव लाकर मोटा अनाज का सेवन करने और भरपूर नींद जरूरी बताई गई।

विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कहा कि कैंसर का पता लगाने के लिए स्क्रीनिंग स्क्रीनिंग करवाना जरूरी है। महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए 15 वर्ष से कम उम्र की किशोरियों को एचपीवी का टीका लगाना चाहिए। संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि मेडिकल साइंस की विकसित होती तकनीकों से अब कैंसर का उपचार संभव है। कैंसर से डरने के बजाए इसके प्रति जागरूक रहकर इसे हराया जा सकता है। कैंसर का इलाज सुलभ और सस्ता है।

बताया कि बायोमार्कर टेस्ट की मदद से महिलाओं में कैंसर का समय पर पता लगाया जा सकता है। महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति विशेष तौर से जागरूक रहना होगा। डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने कैंसर के इलाज में समय की महत्ता बताई। कहा कि बीमारी बढ़ने से पहले उसकी समय रहते उचित जांच और इलाज कराना बेहद जरूरी है। व्याख्यान माला में मेडिकल ऑन्कोलॉजी के चिकित्सा विशेषज्ञों ने शरीर में कैंसर के बनने, उसके लक्षणों, कैंसर के प्रकार, उसकी स्टेज और बीमारी के निदान के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

विभाग के एसोसिएट प्रो. दीपक सुंदरियाल ने बताया कि एम्स में बुजुर्गों के लिए विशेष तौर से कैंसर क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य कैंसर को हराकर प्रत्येक व्यक्ति का जीवन खुशहाल बनाना है। जेरियाट्रिक मेडिसिन विभाग की हेड प्रो. मीनाक्षी धर ने बताया कि जागरूकता से ही बीमारी से बचाव संभव होगा। कार्यक्रम के दौरान संस्थान निदेशक और डीन एकेडेमिक ने कैंसर से लड़ाई जीत चुके लोगों को सम्मानित किया। इस मौके पर जेरियाट्रिक मेडिसिन विभाग की डॉ. मोनिका पठानिया, एसआर डॉ. मृदुल, जेआर डॉ. सिद्धार्थ, डॉ. नीतू आदि मौजूद रहे।

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