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चांद के वातावरण को धरती पर तैयार करना था मुश्किल काम

रुद्रपुर। इसरो में चंद्रयान 3 की प्रोपल्सन असेंबलिग और टेस्टिंग टीम के वैज्ञानिक डॉ. महेंद्र पाल सिंह ने गुरुनानक कन्या इंटर कॉलेज में पहुंचकर अपने अनुभव साझा किए। डॉ. महेंद्र पाल ने बताया कि चंद्रयान तीन में सबसे मुश्किल टेस्टिंग के समय चांद में मौजूद वातावरण को इसरो लैब में हूबहू तैयार करना था। चांद के समान तापमान, गुरुत्वाकर्षण और जमीन तैयार करनी थी। इसके लिए तमिलनाडु के शैलम से मिट्टी मंगाई गई थी। इसकी प्रकृति चांद पर मौजूद मिट्टी से काफी मिलती है। आदित्य एल1 मिशन भी चंद्रयान की तरह सफल रहेगा। इससे सूर्य से जुड़ी विभिन्न जानकारी मिल सकेंगी।याद करने के साथ लिखने का भी अभ्यास करें विद्यार्थी
डॉ. महेंद्र पाल ने छात्राओं को विज्ञान के क्षेत्र की अपार संभावनाओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक बनना उतना ही आसान है जितना अन्य क्षेत्रों में कॅरियर बनाना। बच्चों को इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि एक साधारण स्कूल में पढ़कर इसरो में वैज्ञानिक नहीं बन सकते हैं। अपने विषयों में मजबूत पकड़ रखने वाला हर विद्यार्थी इसरो में नौकरी पा सकता है। बच्चों को अपने विषय की चीजें याद रखने के साथ लिखने का अभ्यास भी करना चाहिए। याद की हुई चीजें दूसरे बच्चों को समझाने का अभ्यास करें, जिससे खुद की याद रखने की क्षमता और बढ़ती है। वहां सतविंदर कौर, भूपेंद्र कौर, प्रीति अग्रवाल, गुरमीत सिंह, सुरमुख सिंह आदि थे।

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