इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए बनें दीर्घकालिक योजनाएं पांडे
अल्मोड़ा। भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के अधिकारियों को गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी-कटारमल में हिमालयी पारिस्थितिकी और इको टूरिज्म से संबंधित वानिकी मुद्दों पर प्रशिक्षण दिया गया। पांच दिनी अनिवार्य प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के समापन पर प्रतिभागियों को योगाभ्यास कराया गया। समापन कार्यक्रम में पूर्व मुख्य वन संरक्षक डाॅ. आईडी पांडे ने कहा कि इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए दीर्घकालिक योजनाएं बनाने की आवश्यकता है। वन अधिकारी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने प्रोत्साहन आधारित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि वन अधिकारियों की कार्य क्षमता बढ़ाई जा सके। प्रतिभागियों ने उभरते वानिकी और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर विशेषज्ञों के साथ अनुभव साझा किए। पालिसी इश्यूज विद स्पेशल रिफरेंस टू फॉरेस्ट्री इन द हिमालय विषय पर आईसीआईएमओडी नेपाल के पूर्व डीडीजी डाॅ. एकलव्य शर्मा ने व्याख्यान दिया। डाॅ. भट्ट ने सभी का आभार जताया। वहां संस्थान के वैज्ञानिक डाॅ. जेसी कुनियाल, एमएस लोधी, डाॅ. केएस कनवाल, डाॅ. आशीष पांडे, डाॅ. सुबोध ऐरी, ओपी आर्य आदि मौजूद रहे।