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कुमाऊं कमिश्नर से की दरखास्त, 24 दिन में परिवार को दिलाया न्याय

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने मंगलवार को जनसुनवाई की। कमिश्नर ने एक व्यक्ति को 17 साल बाद उसका प्लाट वापस दिलाया। उधर कमिश्नर ने लोगों से अपील की है कि वह जमीन खरीदने से पहले जमीन की पूरी तरह से जांच पड़ताल कर लें।कोटाबाग में महिला की डिलीवरी के बाद बच्चे की मौत के मामले में रावत ने कहा कि मामला बेहद गंभीर है, जांच की जा रही है। 24 दिन पूर्व जनता दरबार की जनसुनवाई में आए कपकोट निवासी हरीश चंद्र पांडे ने बताया था कि वर्ष 2006 में उन्होंने अपने पुत्र के नाम से ग्राम जयदेवपुर हल्द्वानी में एक प्लाट खरीदा था। अब वे अपना प्लाट पहचान नहीं पा रहे हैं। कमिश्नर रावत ने पटवारी को प्लाट ढूंढने के निर्देश दिए थे।मंगलवार को जनसुनवाई में पटवारी ने बताया कि प्लाट ढूंढकर हरीश चंद्र को बता दिया गया है। कोटाबाग निवासी रजनी सिंह ने बताया कि दो अक्टूबर की सुबह सीएचसी कोटाबाग में उनकी सामान्य डिलीवरी से पुत्री हुई थी। जन्म के समय नवजात शिशु स्वस्थ था। तीन अक्तूबर को सुबह 6ः30 बजे उसकी मौत हो गई थी। आयुक्त ने सीडीओ को जांच के आदेश दिए। हरिपुर कुंवरसिंह निवासी विमला ने बताया कि उनकी भूमि पर प्रधान ने अवैध रूप से सिंचाई के लिए गुल बना दी है। कमिश्नर ने संबंधित एसडीएम को जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा।

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