चेक बाउंस पर तीन माह का सश्रम कारावास
न्यायिक मजिस्ट्रेट नंदिता काला की अदालत ने चेक बांउस की अभियुक्ता को दोष सिद्ध पाते हुए तीन महीने के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्ता पर चार लाख पचास हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है। जिसमें से चार लाख 48 हजार परिवादनी को प्रतिकर के रूप में देने होंगे। जबकि दो हजार की धनराशि जुर्माने के तौर पर राजकोष में जमा करना होगी।
जुर्माना न भुगतने पर 15 दिन पर अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। खैरीखुर्द श्यामपुर निवासी अंजू दास ने 20 फरवरी 2019 को न्यायिक मजिस्ट्रेट नंदिता काला की अदालत में वाद दायर किया था। अंजू दास ने बताया था कि उसने खैरीकलां निवासी सुनीता पत्नी गुरुदेव सिंह को 30 अगस्त 2017 को दो लाख की धनराशि उधार दी थी। उसके बाद 7 अक्तूबर 2017 को सुनीता ने फिर दो लाख रुपये उधार मांगे। उधार वापस मांगने पर सुनीता ने उत्तरांचल ग्रामीण बैंक की शाखा का चार लाख का चेक दिया। जब उसने चेक बैंक में जमा किया तो बैंक ने खाते में अपर्याप्त धनराशि होने की बात कह कर चेक लौटा दिया। अंजू ने बताया कि चेक बाउंस होने की जानकारी देने के बाद भी सुनीता ने धनराशि नहीं लौटाई।