सिंगटाली मोटर पुल का भूगर्भीय सर्वे शुरू हो गया है। मोटर पुल का सर्वे करने वाली एजेंसी तीन महीने के अंदर पुल का सर्वे, डिजाइन और डीपीआर भी तैयार करेगी। डीपीआर तैयार होने के बाद शासन को वित्तीय स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।
2006 में तत्कालीन केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री भुवनचंद्र खंडूड़ी ने कौडियाला-ब्यासघाट मोटर मार्ग के साथ ही सिंगटाली मोटर पुल निर्माण को वित्तीय स्वीकृति दी थी। लेकिन गंगा नदी पर बनने वाले इस मोटर पुल का निर्माण शुरू नहीं हो पाया था। सिंगटाली मोटर पुल निर्माण को लेकर काफी समय से स्थानीय लोग संघर्ष कर रहे हैं। इस मोटर पुल के निर्माण होने से पौड़ी गढ़वाल जिले के सात ब्लॉक के एक हजार गांवों को फायदा मिलेगा। रामनगर से वाया सतपुली, सिंगटाली होते हुए देहरादून की दूरी भी 45 किलोमीटर काम हो जाएगी। डबल लेन इस मोटर पुल का स्पान 182 मीटर होगा। यह मोटर पुल सिंगटाली झूला पुल के समीप ही बनेगा। शुक्रवार को लोनिवि श्रीनगर गढ़वाल की कंसलटेंसी एजेंसी ने मोटर पुल का भूगर्भीय सर्वे शुरू कर दिया है। भूगर्भीय सर्वे, डीपीआर और डिजाइन के लिए दो महीने पहले टेंडर हुए थे। एजेंसी पुल की भूगर्भीय सर्वे के साथ ही डीपीआर, डिजाइन और अप्रोच रोड का सर्वे तैयार करेगी।
मोटर पुल का भूगर्भीय सर्वे शुरू होने पर सिंगटाली मोटर पुल निर्माण समिति के अध्यक्ष उदय सिंह नेगी और क्षेत्रीय जनता ने हर्ष व्यक्त किया है। नेगी ने कहा कि मोटर पुल का सर्वे शुरू होने से क्षेत्र की जनता में पुल निर्माण को लेकर उम्मीद की किरण जगी है। उन्होंने पुल निर्माण में किसी भी प्रकार की देरी होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
सिंगटाली मोटर पुल का भूगर्भीय सर्वे का काम शुरू हो गया है। एजेंसी डिजाइन, डीपीआर और एप्रोच रोड का सर्वे करेगी। एजेंसी तीन महीने के अंदर विभाग को सर्वे रिपोर्ट भेजेगी। उसके बाद डीपीआर को वित्तीय स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा। – किशोर कुमार, ईई लोनिवि श्रीनगर गढ़वाल