न्यायिक मजिस्ट्रेट नंदिता काला की अदालत ने चेक बाउंस के अभियुक्त को दोष सिद्ध पाते हुए तीन माह के कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्त पर छह लाख का अर्थदंड भी लगाया है। जिसमें से पांच लाख 98 हजार की राशि परिवादी को प्रतिकर के रूप में देने होंगे। जबकि दो हजार की धनराशि जुर्माने के तौर पर राजकोष में जमा करनी होगी। अर्थदंड न भुगतने पर 15 दिन का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।
सोमेश्वर नगर निवासी नरेंद्र सिंह पंवार ने न्यायिक मजिस्ट्रेट नंदिता काला की अदालत में वाद दायर किया था। नरेंद्र सिंह ने बताया कि रविग्राम जोशीमठ निवासी दयाल सिंह राणा ने उससे जून 2011 में प्रतिमाह 90 हजार किराए पर जेसीबी ली थी। एक माह बाद जब दयाल सिंह से जेसीबी का किराया मांगा तो दयाल सिंह ने छह माह बाद एक मुश्त किराया देने की बात कही।
नरेंद्र सिंह पंवार ने बताया कि जब छह माह बाद दयाल सिंह राणा से किराया मांगा तो उसने पांच लाख 40 हजार धनराशि का जोशीमठ एसबीआई शाखा का चेक दिया। लेकिन जब उक्त चेक खाते में जमा कराया तो बैंक ने अपर्याप्त धनराशि कहकर वापस लौटा दिया। नरेंद्र ने बताया चेक बाउंस होने की बात बताने के बाद भी दयाल ने पैसे नहीं दिए। फिर मजबूरन उन्हें न्यायालय में वाद दायर करना पड़ा। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट नंदिता काला ने फैसला सुनाया।