दून में टीबी मरीजों को अब जांच के लिए इंतजार नहीं करना होगा। दून अस्पताल में 16 मॉड्यूल की नेट मशीन स्थापित कर दी गई है। जिसमें एक साथ एक बार में 16 सैंपल की जांच की जा सकेगी।
उत्तराखंड में अन्य किसी भी अस्पताल में इस तरह की मशीन नहीं है। एम्स ऋषिकेश में भी चार मॉड्यूल वाली ही मशीन है। इससे एक बार में सिर्फ चार सैंपल की जांच हो पाती है। एक अच्छी खबर ये भी है कि जनपद को एक पोर्टेबल एक्सरे मशीन भी मिल गई है। जिसकी मदद से टीबी मरीजों की खोज के लिए बस्तियों व दूरस्थ क्षेत्रों में सघन अभियान चलाया जाएगा।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. मनोज वर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय रोग अनुसंधान संस्थान (एनआईआरटी) की ओर से देहरादून के दूरस्थ व अभावग्रस्त क्षेत्रों में मई-2025 तक पोर्टेबल एक्सरे मशीन व नेट मशीन के माध्यम से सर्वे कर रोगियों की खोज के लिए एक प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। इसके तहत 16 मॉड्यूल की नेट मशीन दून अस्पताल में स्थापित की गई है। शुक्रवार को प्रोजेक्ट हेड डॉ. गौरव राज द्विवेदी ने उनके व राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) से जुड़े स्टाफ के साथ बैठक की। इस अभियान में एक वैज्ञानिक, प्रोजेक्ट लीडर, एक लैब टेक्नीशियन, चार फील्ड स्टाफ व दो एक्सरे टेक्नीशियन रखे गए हैैं।
प्रोजेक्ट से जुड़ी टीम एनटीईपी स्टाफ के साथ रायपुर ब्लाॅक की मलिन बस्तियों व कालसी ब्लॉक में कार्य करेगी। जिसमें टीम घर-घर जाकर टीबी के संभावित मरीजों की पोर्टेबल एक्सरे मशीन के माध्यम से जांच करेगी। इसी आधार पर मरीज की बलगम की जांच करा इलाज शुरू कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि यह एक हैंड हेल्ड एक्सरे मशीन है, जिसकी रिपोर्ट भी तुरंत मिल जाती है। इससे टीबी उन्मूलन अभियान को भी तेजी मिलेगी। बैठक में आईसीएमआर के प्रतिनिधि डॉ. प्रतीक वालिया, प्रोजेक्ट लीडर अंकुर नेगी मौजूद रहे।