ऊर्जा बचत के मॉडल गांव बनेंगे अटक फार्म और कोटसी
देहरादून के गांव अब ऊर्जा बचत के मॉडल गांव भी बनेंगे। अभी तक उत्तराखंड के गांव और होमस्टे पर्यटकों को पहले से लुभा रहे हैं। वहीं अब जिले के अटक फार्म और कोटसी गांवों को ऊर्जा बचत के मॉडल रूप में पेश किया जाएगा। इससे ग्रामीणों के बिजली बिलों को कम करने के साथ ही अन्य ग्रामीणों को ऊर्जा बचत के लाभ से वाकिफ कराया जाएगा।
दरअसल, बीते दिनों केंद्र सरकार की ओर से ऊर्जा बचत के दो कार्यक्रमों की शुरूआत की गई थी। जिसके तहत कम बिजली खपत के पंखे व इंडक्शन चूल्हों को वितरित किया जाना था। वहीं वित्त वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार ने ऊर्जा बचत को लेकर एक सर्वे कराया था।
योजना के तहत देहरादून के सहसपुर विकासखंड के गांव अटक फार्म व डोईवाला विकासखंड के गांव कोटसी को ऊर्जा दक्ष पंखा कार्यक्रम (ईईएफसी) से लैस कर ऊर्जा बचत में मॉडल गांव बनाने के लिए चयनित किया था। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि योजना के तहत ब्रश-लेस डायरेक्ट करंट (बीएलडीसी) 26 वॉट छत के पंखों को गांव में लगाया जाना था।
आधुनिक तकनीकी से लैस इन पंखों की खासियत अधिक हवा देने, कम बिजली खपत कर आमजन की जेब पर बिजली बिलों के वजन को कम करना था। कहा, बीते जुलाई-अगस्त में अटक फार्म में 3098 व कोटसी गांव में 379 ऊर्जा दक्ष पंखे निशुल्क लगाए गए हैं। इसके अलावा आगामी वर्ष में दोनों ही गांव की ऊर्जा बचत के आंकड़ों का गंभीरता से विश्लेषण किया जाएगा।
आगामी दिनों में दोनों ही गांवों में एलईडी बल्ब व ट्यूब भी लगाई जाएगी। इसके लिए विभागीय स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। वहीं ग्रामीणों को भी इसके लिए जागरूक किया जा रहा है।
दोनों गांवों में 3477 ऊर्जा दक्ष पंखे लगाए गए हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि संभावत आटक फार्म में 20 हजार व कोटसी गांंव में पांच हजार यूनिट बिजली की हर महीने बचत होगी। मौजूदा घरेलू बिजली की दरों से तुलना करे तो यह लाखों रुपये बैठती है।
अटक फार्म व कोटसी गांव को ऊर्जा बचत के मॉडल रूप में संवारने का कार्य किया जा रहा है। दोनों ही गांवों में ऊर्जा दक्ष पंखे लगाने का कार्य पूरा हो चुका है। अब इन गांव में एलईडी बल्ब व ट्यूब लगाई जाएगी। ग्रामीणों को ऊर्जा बचत करने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खरीदने के प्रति जागरूक किया जा रहा है। -वंदना, परियोजना अधिकारी उरेड़ा