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57 करोड़ की डीपीआर को खेल निदेशालय ने दी मंजूरी

बागेश्वर। जिला गठन के 26 साल बाद बागेश्वर में खेल स्टेडियम बनने की उम्मीद जागी है। खेल निदेशालय ने स्टेडियम की 57 करोड़ की योजना को मंजूरी दे दी है। अब गेंद सीएम के पाले में है। वर्तमान में जिले में एक भी खेल स्टेडियम नहीं है।
वर्ष 2017 में तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बागेश्वर में खेल स्टेडियम बनाने की घोषणा की थी। सीएम की घोषणा के बाद जिला मुख्यालय के नजदीक खोली में जमीन चयनित की गई। वन भूमि का निस्तारण न होने से मामला अटका रहा। वर्ष 2022 में जमीन वन अधिनियम से मुक्त हुई। शासन ने सीएनडीएस देहरादून को कार्यदायी संस्था नियुक्त किया। सीएनडीएस ने करीब 57 करोड़ की डीपीआर खेल निदेशालय को भेजी। जानकारी मिली कि खेल निदेशालय ने डीपीआर को मंजूरी दे दी है। डीपीआर को सीएम की मंजूरी मिलने के बाद स्टेडियम के लिए बजट अवमुक्त हो जाएगा।

बागेश्वर। बागेश्वर ने कई राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दिए हैं। जिले के फुटबॉलर रोहित दानू वर्तमान में भारतीय फुटबॉल टीम का हिस्सा हैं। उन्होंने देश की ओर से हाल में एशियन गेम्स में प्रतिनिधित्व किया था। जिले के कई क्रिकेटर प्रदेश की टीम से खेल रहे हैं। ताइक्वांडो में जिले के खिलाड़ियों ने सैकड़ों पदक देश की झोली में डाले हैं। क्रिकेटर मनीष पांडेय का ताल्लुक भी बागेश्वर से है।

बागेश्वर। जिला मुख्यालय में खेल स्टेडियम का निर्माण न होने से खेल विभाग को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। खेल विभाग को खेल गतिविधियां कराने के लिए डिग्री काॅलेज के खेल मैदान पर निर्भर रहना पड़ता है। स्टेडियम के अभाव में खेल छात्रावास का संचालन नहीं हो रहा है। खेल स्टेडियम बनने के बाद इन अव्यवस्थाओं से पल्ला छुटेगा।

स्टेडियम के लिए जिला मुख्यालय के खोली में जमीन में विभाग के हस्तांतरित हो गई है। कार्यदायी संस्था सीएनडीएस ने 57 करोड़ की डीपीआर बनाई है। खेल निदेशालय ने डीपीआर को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री की मंजूरी मिलनी शेष है। सीएम की मंजूरी मिलने के बाद बजट अवमुक्त हो जाएगा।

गुंजन बाला प्रभारी जिला क्रीड़ाधिकारी बागेश्वर।

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