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सालों से क्षतिग्रस्त सूपाकोट नहर की सुधरेगी हालत

अल्मोड़ा। सोमेश्वर तहसील के सूपाकोट में सात किमी लंबी नहर से जल्द किसानों के खेतों तक पानी पहुंचने की उम्मीद जगी है। 20 साल से भी अधिक समय से बदहाल इस नहर का सिंचाई विभाग अब जीर्णोद्धार करेगा। नहर सही होने के बाद 121 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी। सिंचाई विभाग ने इस नहर के जीर्णोद्धार के लिए एक करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा है। ताकुला विकासखंड के सोमेश्वर तहसील अंतर्गत सूपाकोट में वर्ष 1984 में नहर का निर्माण हुआ था। 7.145 किमी लंबी यह नहर 20 वर्ष से अधिक समय से रखरखाव के अभाव में यह नहर जगह-जगह से टूट गई है और खराब हो गई है।इन गांवों में नहीं हो पा रही सिंचाई झिलोली, सर्पमाफी, भानाराठ, रतुराठ, अर्जुनराठ, पपैरा, टाना, सूपाकोट, लच्छमपुर, सिरखेत, बैगनिया समेत अन्य गांव के 2000 से अधिक किसान खेतों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। किसान बारिश पर निर्भर हैं। जिससे किसान अपने खेतों की सिंचाई कर सकेंगे।
खेती से किनारा कर रहे हैं किसान
अल्मोड़ा। नहर के सूखने से कई किसान खेती से किनारा कर रहे हैं। नहर के फिर से अस्तित्व में आने से किसानों के फिर से खेती से जुड़ने की उम्मीद है।
धान, गेेहूं, सब्जी की होती है खेती
अल्मोड़ा। सोमेश्वर में आलू, हरी सब्जियां, गोभी, बैंगन, शिमला मिर्च, टमाटर, प्याज के साथ ही गेहूं, धान की खेती होती है लेकिन किसान सिंचाई के पर्याप्त साधन और पानी न होने से मायूस हैं। नहर का सुधारीकरण होने से उन्हें सिंचाई का लाभ मिलेगा।

सोमेश्वर क्षेत्र की सूपाकोट नहर सबसे बड़ी नहर है। इससे जीर्णोद्धार के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाया जाएगा।- मोहन सिंह रावत, ईई, सिंचाई खंड, अल्मोड़ा।

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