Wed. May 7th, 2025

कुमाऊं विश्वविद्यालय ने 50 साल में परिश्रम, अनुशासन से छुआ सफलता का शिखर

नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय शुक्रवार को अपनी स्थापना के 50 साल पूरे कर रहा है। विवि के 50 साल के इस सफर में यहां से पढ़कर निकले छात्र-छात्राओं ने बड़े पदों पर सुशोभित होकर कई बार गौरवान्वित किया है। परिश्रम, अनुशासन के साथ शैक्षणिक उपलब्धियों ने भी कुमाऊं विश्वविद्यालय को शिखर पर पहुंचाने का काम किया है। विश्वविद्यालय की स्थापना एक मार्च 1973 में उत्तर प्रदेश राज्य अधिनियम के अंतर्गत हुई थी। इसके बाद विवि को दो परिसर नैनीताल और अल्मोड़ा में मिले। बाद में भीमताल में एक और नए परिसर की स्थापना हुई। हालांकि बीते वर्षों में अल्मोड़ा विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद अल्मोड़ा स्थित परिसर, महाविद्यालय और संस्थान कुमाऊं विवि से अलग हो गए। विश्वविद्यालय में प्रथम कुलपति के रूप में डॉ. डीडी पंत ने कार्यभार संभाला था। तब से अब तक 32 कुलपति सेवाएं दे चुके हैं। इन 50 वर्षों में विवि का इतिहास गौरवशाली रहा है। इस विश्वविद्यालय से पढ़े छात्र-छात्राएं सिविल सेवा से लेकर राजनीति के क्षेत्र में भी चमके हैं। खेल, शिक्षा व फिल्म जगत में भी कुमाऊं विवि के छात्रों ने खूब नाम कमाया है

कुमाऊं विवि की उपलब्धियां

– राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के साथ स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में सीबीसीएस लागू।

– प्लेसमेंट एंड काउंसलिंग सेल का पुनर्गठन।

– अकादमिक एवं प्रशासनिक क्रियाकलापों में पारदर्शिता एवं गुणवत्ता लाने के लिए ईआरपी सॉफ्टवेयर सिस्टम डेवलप किया।

– बीसीआई की मान्यता के बाद पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड बीए-एलएलबी पाठ्यक्रम शुरू।

– राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर आठ पेटेंट किए हासिल।

– वेस्ट मटीरियल से ग्राफीन निर्माण।

-इंडिया टुडे ग्रुप के सर्वे में कुमाऊं विवि को 28वां स्थान

-क्यूएस एशिया रैंकिंग में कुमाऊं विश्वविद्यालय को भारतीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में 81-85 के बीच स्थान

-एनआईआरएफ रैंकिंग में फार्मेसी कैटगिरी में विवि को 61वां स्थान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *