टिहरी डैम के कारण 22 साल पहले टिहरी जिले के असेना गांव से पुनर्वासित 149 विस्थापितों को भूमिधरी का अधिकार मिल गया है। ऋषिकेश के विस्थापित क्षेत्र निर्मल ब्लॉक में विस्थापित लोग भूमिधरी का अधिकार देने की मांग कर रहे थे। जमीन का दाखिल खारिज न होने से विस्थापितों को विभागीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था।
बृहस्पतिवार को ऋषिकेश तहसील की टीम विस्थापित निर्मल ब्लॉक के सामुदायिक केंद्र में पहुंची। टीम ने टिहरी असेना गांव से विस्थापित हुए 149 विस्थापितों को भूमिधरी को खतौनी उपलब्ध करवाई। जमीन की खतौनी मिलते ही विस्थापितों के चेहरे खिलखिला उठे। इस दौरान विस्थापितों ने मिठाइयां बांटी। इससे पूर्व 14 जनवरी को 163 लोगों को खतौनी उपलब्ध करवाई गई थी।
बता दें कि 2001 में कुल सात गांवों को पशुलोक के निर्मल बाग और अन्य क्षेत्रों में विस्थापित किया गया था। दो गांवों के कुल 312 परिवारों को भूमिधरी का अधिकार देकर उन्हें खतौनी उपलब्ध कराई गई है। शेष पांच विस्थापित गांवों के लोगों को भी भूमिधरी का अधिकार दिलाने की प्रक्रिया जारी है।
इस अवसर पर टिहरी बांध प्रभावित संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिनेश डोभाल, विस्थापित समन्वय विकास समिति के अध्यक्ष हरि सिंह भंडारी, प्रताप सिंह राणा, विजयपाल, भीम सिंह, मकान सिंह, पार्वती देवी, गोठयारी देवी, शर्मिला देवी, दुर्गा देवी, विमला देवी आदि मौजूद रहे।
इन गांवों को मिलना है भूमिधरीका अधिकार
गुजयाड़ा निर्मल ब्लॉक सी, मालदेवल, सिराईं, सिराईं राजगांव, बिराणी पैंदास
निर्मल बाग में 149 परिवारों को खतौनी उपलब्ध करवाई गई है। 14 जनवरी को टीम ने टिहरी डोबरा गांव से विस्थापित किए गए 163 विस्थापितों को भूमिधरी की खतौनी उपलब्ध करवाई थी। अन्य गांवों को लेकर कार्रवाई जारी है। – किशन सिंह नेगी, सर्वे कानूनगो