हस्तिनापुर में डयूटी पर जा रहे युवक की कार सवारों ने गोली मारकर की हत्या
मेरठ। थाना हस्तिनापुर के गांव लुकाधडी में रविवार को एक युवक की पुरानी रंजिश के चलते ताबडतोड गोलियां बरसा कर मौत के घाट उतार दिया। मृतक का शव सरसों के खेत में पडा मिला। मृतक ने शनिवार को हत्या की आशंका की गुहार लगायी थी। वहीं मृतक के परिजनों व ग्रामीणों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए थाने में जमकर हंगामा काटा । पुलिस ने हंगामा कर रहे लोगों को किसी तरह समझाबुझा कर मामले को शांत कराते हुए शव केा पीएम के लिए भेज कर मामले की जांच पडताल आरंभ कर दी है।
अंकित उम्र 26 साल पुत्र अमरपाल सुबह गांव से ड्यूटी के लिए सोनीपत जा रहा था। जब गांव के पास गंग नहर तक पहुंचा, तभी ऑल्टो सवार लोगों ने अंकित पर फायरिंग कर दी। अंकित को 3 तीन गोली लगी और घायल हुआ मौत हो गई। अंकित के भाई अभिषेक ने बताया कि अंकित सोनीपत की कंपनी में वेल्डिंग का कार्य करता है रविवार सुबह काम पर जा रहा था। कुछ लोग गांव के बाहर घात लगाए बैठे उसका इंतजार कर रहे थे। जैसे ही वो बाहर निकला तो उस पर फायरिंग कर दी।युवक की हत्या के बाद परिजनों के साथ सैकडों ग्रामीण थाने पहुचें और थाना पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठे गये। परिजनों और ग्रामीणों का आरोप है कि पुरानी रंजिश के चलते युवक की हत्या की गई। परिजन लगातार दूसरे पक्ष पर हत्या किये जाने की आशंका जता रहे थे। थाना पुलिस से दूसरे पक्ष के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे थे। लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। जिसके चलते रविवार सुबह युवक की हत्या की गई।सूचना पर पहुंची थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। ग्रामीणों ने बताया कि अंकित का गांव में एक परिवार से विवाद चल रहा था। दोनों पक्षों में आपस में विवाद पिछले लंबे समय से चल रहा है। पिछले चार दिनों से गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई थी, जिसमें पीड़ित पक्ष लगातार थाना पुलिस से मदद की गुहार लगा रहा था परंतु थाना पुलिस ने एक नहीं सुनी। इसके चलते रविवार को युवक की हत्या हो गई।
दो साल पहले हत्या से हुआ विवाद
पूर्व में दूसरे पक्ष के एक व्यक्ति की हत्या की गई थी। उसके बाद से दोनों पक्षों में आपस में रंजिश थी। कई बार दोनों पक्षों के अवैध तमंचों के साथ वीडियो भी वायरल किए गए।
पुलिस से मदद मांग रहा था अंकित
पिछले दो दिनों से अंकित उसका परिवार लगातार थाना पुलिस से मदद की गुहार लगा रहा था इस मामले में पीड़ित पक्ष में शनिवार दिवस में भी पुलिस अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।