चेक बाउंस के दोषी को छह माह की सजा
रुद्रपुर। न्यायिक मजिस्ट्रेट/प्रथम अपर सिविल जज ने चेक बाउंस के दोषी को छह माह के कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोषी पर साढ़े दस लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड जमा नहीं करने पर दोषी को एक महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अर्थदंड में से एक लाख 40 हजार रुपए परिवादी को प्रतिकर के रूप में दिए जाए और 10 हजार रूपये राज्य सरकार के खाते में जमा होगी। ग्राम रत्ना मडैया केलाखेड़ा निवासी उस्मान अल्वी ने 19 सितंबर 2019 को गांव के ही मो. आसिफ के खिलाफ कोर्ट में चेक बाउंस का परिवाद दर्ज कराया था। उस्मान का कहना था नवंबर 2017 में आसिफ ने उससे हाईवे किनारे अपनी जमीन का सौदा 40 लाख रुपये में किया था। उसने 16 दिसंबर 2017 को अपने लोन खाते से 15 लाख और इसी खाते से 26 दिसंबर को पांच लाख रुपये निकालकर बयाना के तौर पर आसिफ को दिए थे। बचे रुपए रजिस्ट्री के समय देना तय हुआ था। आसिफ की जमीन एनएच घोटाले में फंसने से रजिस्ट्री नहीं हो सकी। वर्ष 2019 में मोहम्मद आसिफ का पेट्रोल पंप मंजूर होने पर उसने जमीन बेचने से इन्कार कर दिया। रकम वापस मांगने पर आसिफ ने 15 जुलाई 2019 को एसबीआई का 10 लाख रुपये का चेक दिया, जो बाउंस हो गया। 16 अगस्त 2019 को उन्होंने अधिवक्ता के जरिए आसिफ को नोटिस भेजा था, लेकिन ना नोटिस का जवाब दिया गया और न ही रुपए वापस लौटाए गए। इस मामले की सुनवाई प्रथम अपर सिविल जज/ न्यायिक मजिस्ट्रेट कंचन चौधरी के न्यायालय में हुई थी। इसमें परिवादी के अधिवक्ताओं जावेद आलम, मोहम्मद रिजवान और अमित कालरा ने आसिफ पर दोष सिद्ध कर दिया।