Thu. May 1st, 2025

तीन लाख करोड़ के एमओयू, 44 हजार करोड़ से ज्यादा धरातल पर उतरे

प्रदेश के दूसरे वैश्विक निवेशक सम्मेलन से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि तीन लाख करोड़ से ऊपर के एमओयू विभिन्न उद्योगपतियों के साथ हो चुके हैं, जिनमें से 44 हजार करोड़ से ऊपर की ग्राउंडिंग यानी धरातल पर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि सम्मेलन के बाद वह लगातार इसकी समीक्षा व निगरानी करेंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा उद्योग स्थापित हों। प्रदेश की समृद्धि हो। युवाओं को अपने राज्य में ही रोजगार मिले। बृहस्पतिवार को एफआरआई में आयोजन स्थल का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि 2018 के निवेशक सम्मेलन से सीख लेते हुए ही उन्होंने और बेहतर करने का प्रयास किया है। इसका नतीजा भी नजर आ रहा है। तीन लाख करोड़ से ऊपर के समझौते इसकी बानगी है। हम केवल यहीं तक सीमित नहीं रहेंगे। इसे धरातल पर उतारने के प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मार्गदर्शन लगातार मिल रहा है। शुक्रवार को पीएम मोदी इसका शुभारंभ करेंगे तो शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह समापन कार्यक्रम में मौजूद होंगे। निवेशक सम्मेलन के दौरान उद्योगपतियों से व्यक्तिगत तौर पर उनके प्रोजेक्ट के बारे में बैठक भी होगी। सरकार का फोकस वैसे तो सभी सेक्टर पर है, लेकिन पहाड़ के लिए चिकित्सा व शिक्षा अहम है। उन लोगों को ही प्राथमिकता दी जाएगी जो कि प्रदेश को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाएंगे। युवाओं को ज्यादा रोजगार देंगे।

सीएम धामी ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले अपने प्रदेश के उद्योगपतियों से वार्ता की। उनकी समस्याएं सुनी, समझी। इसी हिसाब से 27 नई नीतियां बनाई। कई नीतियों में संशोधन किया गया। ताकि उद्योगपतियों को किसी तरह की परेशानी न आए। निवेश के लिए प्रदेश में 7000 एकड़ लैंडबैंक उपलब्ध है। भूमि की कोई परेशानी नहीं होगी।

वैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिए प्रदेश सरकार ने निवेश के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में प्राथमिकता दी है। इसमें पर्यटन एवं वेलनेस, आयुष, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, कृषि एवं बागवानी, विनिर्माण, ऊर्जा, अवस्थापना, लॉजिस्टिक और आईटी शामिल हैं। अब तक सरकार तीन लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव पर करार कर चुकी है। सेवा क्षेत्र के साथ विनिर्माण उद्योगों में निवेश से राज्य में रोजगार के नये अवसर भी मिलेंगे।

वैश्विक निवेशक सम्मेलन में देश दुनिया से आने वाले निवेशक उत्तराखंड की लोक संस्कृति से रूबरू होंगे। सम्मेलन का आगाज पारंपारिक मांगल गीत से होगा। इसके अलावा उत्तराखंड की संस्कृति पर आधार पर कार्यक्रम प्रस्तुत होंगे। आठ दिसंबर को नींबूवाला स्थित हिमालयन संस्कृति केंद्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होगा

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