यूसर्क और दून पीजी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेलाकुई ने मृदा परीक्षण विषय पर उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया। यूसर्क की निदेशक प्रो. अनीता रावत ने कहा कि आज पर्यावरण का संरक्षण बहुत जरूरी हो गया है। इस ज्ञान को हमारे शिक्षण संस्थानों में प्रभावी रूप से देने की जरूरत है। उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा अनुसंधान केंद्र देहरादून (यूसर्क) और दून पीजी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेलाकुई एनवायरनमेंटल टेक्नोलॉजी विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण दे रहा है। मंगलवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए स्नातक, स्नातकोत्तर और शोध विद्यार्थियों को मृदा परीक्षण का प्रशिक्षण दिया गया।
कृषि विज्ञान विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. दीपिका शर्मा ने मृदा के गुण, मृदा नमूनों को एकत्र करना, प्रयोगशाला में उनका परीक्षण करना, विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने सभी 26 प्रतिभागियों को प्रयोगशाला में मिट्टी की गुणवता के विभिन्न पैरामीटर पीएच, इलेक्ट्रिकल कंडक्टीविटी, न्यूट्रीएंट एनालिसिस आदि पर मृदा प्रयोगशाला में हैंडस ऑन प्रशिक्षण दिया।
संस्थान के निदेशक डॉ. संजय चौधरी कहा कि राज्य कृषि के क्षेत्र में संस्थान अग्रणी रूप में कार्य कर रहा है। कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आरआर द्विवेदी ने कहा कि हमें अपने पर्यावरण के संरक्षण कार्यों के साथ-साथ सामाजिक जीवन में भी कार्य करते हुए देश की सेवा करनी है। कॉलेज के एडमिनिस्ट्रेशन कार्डिनेटर डॉ. सतीश कुमार ने कहा कि संस्थान पर्यावरण शिक्षा की दिशा में विद्यार्थियों को निरंतर ज्ञान प्रदान कर रहा है।
कॉलेज के परीक्षा नियंत्रक प्रो. आरके मिश्रा ने कहा कि पर्यावरण विषय पर प्रशिक्षित युवा अपने कौशल विकास के साथ अपने करियर को अच्छा बना सकते हैं। कृषि विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. रूप किशोर शर्मा ने कहा कि आज यह जरूरी हो गया है कि कौशल विकास के नए-नए आयामों को पहचाना जाए। सभी प्रतिभागियों ने संस्थान में चल रहे मशरूम कल्टीवेशन, पोल्ट्री फॉर्म, मौन पालन, मत्स्य पालन, जैव उर्वरक उत्पादन, बायो गैस प्लांट, संरक्षित उद्यानिकी आदि का भ्रमण किया।
इस दौरान कार्यक्रम समन्वयक यूसर्क वैज्ञानिक डॉ. भवतोष शर्मा, डॉ. आरके मिश्रा, गौरव वर्मा, डॉ. सतीश कुमार, डॉ. दीपिका शर्मा आदि उपस्थित रहे।