Fri. May 2nd, 2025

जीवाणुओं की संख्या पाचन क्रिया को बेहतर बनाती है

श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के पंडित ललित मोहन शर्मा ऋषिकेश परिसर के एमएलटी विभाग में आयोजित सात दिवसीय कार्यशाला के तीसरे दिन प्रथम सत्र में मॉडर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ऋषिकेश की बायोटेक डिपार्टमेंट की एडिशनल प्रो. माधुरी कौशिक लिली ने प्रोबायोटिक्स पर व्याख्यान दिया। विज्ञान संकाय अध्यक्ष प्रो. गुलशन कुमार ढींगरा ने उन्हें स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। बुधवार को उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में प्रो. माधुरी कौशिक लिली ने बताया कि जीवित सूक्ष्मजीव वह होते हैं जिनका सेवन करने पर मानव शरीर में जरूरी तत्व सुनिश्चित हो जाते हैं। यह शरीर में अच्छे जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि कर पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं। उन्होंने आंतों में रहने वाले जीवाणु की कार्य प्रणाली और उनके सहजीवी लक्षणों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट को किस तरह से प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक के उपयोग से ठीक रखा जाए प्रतिभागियों को समझाया। द्वितीय सत्र में प्रतिभागियों ने जीवाणु को ग्राम अभिरंजन विधि से इसकी संरचना को देखा। जीवाणु पहचान के लिए जैव रासायनिक परीक्षण का प्रशिक्षण भी लिया। एमएलटी विभाग की प्रवक्ता डॉ. सफिया हसन ने प्रतिभागियों को सीरम विज्ञान और एंटीजन, एंटीबॉडी की प्रतिक्रिया से बीमारियों को पता लगाने का प्रशिक्षण दिया l उन्होंने रक्त के घटक के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला के अंतिम सत्र में चमत्कार के पीछे वैज्ञानिक दृष्टिकोण के तहत राजकीय इंटर कॉलेज तपोवन के शिक्षक रामाश्रय सिंह ने प्रतिभागियों को चमत्कार के पीछे के वैज्ञानिक आधारों के बारे में बताया, जिससे वह अंधविश्वास और रूढ़िवादी सोच में बदलाव ला सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *