ऋषिकेश-देहरादून मोटर मार्ग पर अभी शुरू नहीं हुई कानबाई
ऋषिकेश-देहरादून मोटर मार्ग पर वन विभाग की ओर से अभी तक कानबाई सेवा शुरू नहीं की है। नटराज से लेकर दांडी तक हाथी बाहुल्य क्षेत्र है। रात में यात्री जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर हैं। जाड़ों के दिनों में शाम ढलते ही मोटर मार्गों पर लोगों की आवाजाही कम हो जाती है। कामकाजी लोग और इमरजेंसी सेवा वाले लोग ही सर्द रातों में देर रात तक आवाजाही करते हैं। ऋषिकेश रेंज के अंतर्गत नटराज बैरियर से लेकर दांडी तक करीब 12 किमी की दूरी पर हाथियों की चहलकदमी रहती है। ऋषिकेश-देहरादून मोटर मार्ग पर सौ फुटी, काली माता मंदिर, सात मोड़, दुर्गा मंदिर पर रात में हाथियों के झुंड सड़क को पार करते हैं। यात्री और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए वन विभाग की ओर से दिसंबर महीने में शाम छह बजे से लेकर देररात करीब 12 बजे तक कानबाई चलायी जाती थी। कानबाई के दौरान देहरादून की ओर जाने वाले वाहनों को नटराज बैरियर पर रोका जाता है। फिर वहां से सभी वाहन एक साथ वन विभाग के वाहनों के पीछे चलते हैं। वहीं, ऋषिकेश आने वाले वाहनों को थानो बाईपास के समीप रोका जाता है, जो वन विभाग के वाहनों के साथ चलते हैं। दिसंबर महीना आधा बीत गया है, लेकिन वन विभाग की ओर से अभी तक इस रूट पर कानबाई शुरू नहीं की गई है।
ऋषिकेश-देहरादून मोटर मार्ग पर हाथियों की सक्रियता इन दिनों कम है। वन विभाग की ओर से अभी तक कानबाई शुरू नहीं हुई है। जैसे ही क्षेत्र में हाथियों की अधिक सक्रियता बढ़ेगी वैसे ही कानबाई शुरू कर दी जाएगी। – देवेंद्र सिंह पुंडीर, ऋषिकेश रेंज अधिकारी