शिमला में अब 12 माह ले सकेंगे आइस स्केटिंग का मजा, रेफ्रिजरेशन प्लांट लगाने की तैयारी
आइस स्केटिंग रिंक शिमला में सैलानी और स्थानीय लोग अब सिर्फ सर्दियों में तीन माह ही नहीं, बल्कि पूरे 12 माह स्केटिंग का मजा ले सकेंगे। इसके लिए आइस स्केटिंग क्लब शिमला ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। शिमला आइस स्केटिंग रिंक में रेफ्रिजरेशन प्लांट और आवश्यक मशीनें लगाकर बर्फ जमाने की योजना है। इसके लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) बजट मुहैया करवाएगा। अभी तक रिंक में दिसंबर से प्राकृतिक रूप से बर्फ जमाई जाती है। यह सब तापमान पर निर्भर करता है। कई बार बादल छाने पर बर्फ पिघल जाती है। क्लब के महासचिव मनप्रीत सेंबी ने कहा कि यहां ऑल वैदर आइस स्केटिंग रिंक बनाने की योजना है। अगर रेफ्रिजरेशन प्लांट लगता है तो 12 माह बर्फ जमाई जा सकेगी। एडीबी से मिलने वाले बजट से रिंक का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसकी विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अगले साल के मध्य तक यह रिंक ऑल वैदर स्केटिंग रिंक बन जाएगा। करोड़ों की लागत से एडीबी की फंडिंग से बनाए जाने वाले ऑल वैदर स्केटिंग रिंक में बर्फ जमाने के लिए रेफ्रिजरेशन प्लांट से कभी भी रिंक में बर्फ जमाई जा सकेगी। इसमें चेंजिंग रूम, रिंक, रेस्तरां, सहित अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप स्केटिंग सुविधा मुहैया करवाए जाने की योजना है। क्लब के पदाधिकारियों ने कहा कि इस बार क्लब स्केटिंग संबधिी कोई फीस नहीं बढ़ाएगा। सीनियर वर्ग की 3,000, कप्पल की 3500 और जूनियर वर्ग के स्केटर्स के लिए पूरे सीजन की 1,800 फीस रहेगी। स्केट्स की जूनियर वर्ग के लिए 1,200, सीनियर वर्ग के लिए स्केट्स का 1,500 रुपये किराया रहेगा। क्लब ने योजना बनाई है कि 25 से 31 दिसबर तक रिंक में कार्निवल और विभिन्न स्पर्धाएं होंगी। नव वर्ष के लिए भी विशेष कार्यक्रम की योजना है।
राजधानी शिमला के आइस स्केटिंग रिंक में स्केटिंग करने के लिए अभी लोगों को इंतजार करना होगा। आसमान में छाए बादलों के कारण के कारण रिंक में जमी बर्फ शुक्रवार को पिघल गई। इस कारण ट्रायल भी नहीं हो पाए। रिंक में बर्फ की तीन से चार परतें जमने पर ही स्केटिंग ट्रायल संभव होगा।