तीन गांवों की चार हजार की आबादी को राहत देगा नया पुल
चंपावत। निर्माणाधीन 125 मीटर पुल से तीन गांवों को बरसात में राहत मिलेगी। बरसात में नालों के पानी बढ़ने से ये गांव टापू में तब्दील हो जाते हैं। नायकगोठ-थ्वालखेड़ा का पुल बनने के बाद यहां न आवाजाही में जोखिम रहेगी और न ही बरसात में ये गांव अलग-थलग पड़ेंगे। जून से सितंबर तक शारदा नदी और किरोड़ा रोखड़ से थ्वालखेड़ा, खेतखेड़ा, हनुमानगढ़ी गांवों में आने वाले नाले से आवाजाही जोखिम भरी होती है। जुलाई 2022 में एक स्कूल बस भी किरोड़ा नाले के उफान में बह गई थी। आवाजाही में जोखिम के साथ भू कटाव का भी खतरा बना रहता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दो साल पूर्व किए गए एलान के बाद नायकगोठ-थ्वालखेड़ा में पुल को मंजूरी मिलने के बाद काम शुरू हुआ। 125 मीटर लंबे और छह मीटर चौड़ाई के इस पुल को 13.77 करोड़ रुपये से बनाया जाएगा। पुल का निर्माण अगले छह में पूरा करा लिया जाएगा। पुल का काम ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) मोड पर कराया जा रहा है। इसके अंतर्गत काम कराने वाली एजेंसी को पुल को निर्धारित समय तक पूरा करने के साथ दस साल तक रखरखाव करना होगा।
नायकगोठ-थ्वालखेड़ा के 125 मीटर लंबे पुल का काम चल रहा है। पुल का बुनियाद से संबंधित काम तेजी से चल रहा है। निर्माण कार्य इस साल बरसात से पहले जून तक पूर्ण करा लिया जाएगा।
लक्ष्मण सिंह सामंत, सहायक अभियंता, लोनिवि, चंपावत।