रणजी ट्रॉफी आज से, अंजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा की वापसी पर नजर; एक साथ होंगे 19 मैच

देश के विभिन्न स्थानों पर शुक्रवार (पांच जनवरी) से शुरू होने वाली रणजी ट्रॉफी क्रिकेट प्रतियोगिता में जहां नए खिलाड़ी अपना प्रभाव छोड़ने की कोशिश करेंगे वहीं कुछ पुराने खिलाड़ी अपनी खोई प्रतिष्ठा हासिल करने के लिए जीजान लगाएंगे। इंग्लैंड के खिलाफ इस महीने के आखिर में शुरू होने वाली पांच टेस्ट मैच की सीरीज के लिए भारतीय टीम में बहुत अधिक बदलाव होने की संभावना नहीं है। एक साथ देश के अलग-अलग मैदानों पर 19 मैच शुरू होंगे। इसके बाद भारतीय खिलाड़ी सीमित ओवरों की क्रिकेट में ही व्यस्त रहेंगे जिसमें आईपीएल और जून में होने वाला टी20 विश्व कप भी शामिल है। रणजी ट्रॉफी में सभी की निगाह अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा पर टिकी रहेंगी जो अभी भारतीय टेस्ट टीम से बाहर चल रहे हैं। यह दोनों खिलाड़ी बड़े स्कोर बनाकर अपनी दावेदारी बरकरार रखने की कोशिश करेंगे। रहाणे 41 बार के चैंपियन मुंबई की अगुवाई भी करेंगे। इसी तरह से पिछले सत्र में सर्वाधिक 990 रन बनाने वाले कर्नाटक के मयंक अग्रवाल भी बड़ी पारियां खेल कर राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के लिए अपना दावा मजबूत करने की कोशिश करेंगे। अभी रोहित शर्मा के साथ युवा यशस्वी जयसवाल टेस्ट क्रिकेट में भारत की तरफ से पारी का आगाज कर रहे हैं। टीम में सलामी बल्लेबाज के दावेदारों में अग्रवाल के अलावा अभिमन्यु ईश्वरन भी शामिल हैं जो ऋतुराज गायकवाड़ के चोटिल होने के कारण अभी टीम के साथ दक्षिण अफ्रीका में है। इस तरह से ईश्वरन रणजी ट्रॉफी के पहले दौर के मैच में नहीं खेल पाएंगे।
इनके अलावा कई युवा खिलाड़ी हैं जो अपना प्रभाव छोड़ने के लिए बेताब है। इनमें मुंबई के सरफराज खान भी शामिल हैं जो पिछले कुछ सत्र में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने में नाकाम रहे। मोहम्मद शमी के चोटिल होने के कारण दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट शृंखला में भारतीय तेज गेंदबाजी की कमजोरी भी सामने आई क्योंकि टीम में उनकी जगह लेने वाले प्रसिद्ध कृष्णा अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाए।इसके बाद तेज गेंदबाजी की ‘बेंच स्ट्रेंथ’ को मजबूत करने की चर्चा चल रही है। ऐसी परिस्थितियों में कर्नाटक के विद्युत कावेरप्पा, विजयकुमार, गुजरात के अर्जन नागवासवाला और बंगाल के इशान पोरेल जैसे युवा तेज गेंदबाज अपना प्रभाव छोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। इन युवा तेज गेंदबाजों के अलावा सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव उनादकट भी अपना दावा मजबूत करने की कोशिश करें