Sat. Nov 23rd, 2024

आईसीसी ने केपटाउन की पिच को असंतोषजनक करार दिया, कप्तान रोहित ने भी की थी आलोचना

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच दूसरा टेस्ट जिस पिच पर खेला गया था, उसे आईसीसी ने ‘असंतोषजनक’ रेटिंग दी है। दूसरा टेस्ट मैच अब तक का सबसे छोटा टेस्ट मैच रहा था और दो दिनों के अंदर खत्म हो गया था। इस मैच में कुल मिलाकर 107 ओवर फेंके गए और 33 विकेट गिरे। जहां दक्षिण अफ्रीका की टीम दो बार ऑलआउट हुई, वहीं भारत ने 79 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए तीन विकेट गंवाए। यह फैसला आईसीसी पिच और आउटफील्ड निगरानी प्रक्रिया के तहत आया है जिसमें मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने न्यूलैंड्स (केपटाउन) के विकेट की प्रकृति को लेकर चिंता जताई है। दूसरे टेस्ट को जीतने के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने भी इस पिच की खूब आलोचना की थी और कहा था कि अगर यही मैच भारत में दो दिन में खत्म होता तो उस पर बहस शुरू हो जाती। उन्होंने कहा, ‘न्यूलैंड्स की पिच पर बल्लेबाजी करना काफी मुश्किल था। पूरे मैच के दौरान गेंद तेजी से और कभी-कभी खतरनाक रूप से उछली, जिससे शॉट खेलना मुश्किल हो गया। कई बल्लेबाजों को दस्तानों पर गेंद लगी और असंतुलित उछाल के कारण कई विकेट भी गिरे।

आईसीसी पिचों और आउटफील्ड की गुणवत्ता पर सजग नजर रखता है। अगर मैच रेफरी पिच को घटिया मानते हैं तो सख्त प्रणाली के तहत उसे डिमेरिट अंक दिए जाते हैं। एक असंतोषजनक पिच या आउटफील्ड के परिणामस्वरूप एक डिमेरिट अंक आवंटित किया जाता है। इस डिमेरिट अंक का काफी महत्व है। आईसीसी पिच और आउटफील्ड मॉनिटरिंग प्रक्रिया के मुताबिक, अगर कोई पिच पांच साल की रोलिंग पीरियड में पांच या उससे ज्यादा डिमेरिट अंक पाता है तो उसे 12 महीने की अवधि के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी करने से निलंबित कर दिया जाएगा।। 12 अंक तक पहुंचने पर यह प्रतिबंध दोगुना होकर दो साल का हो जाता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि डिमेरिट अंक का एक सीमित समय है। वे पांच साल के बाद समाप्त हो जाते हैं।

आईसीसी पिचों को इन पांच आधार पर रेटिंग करता है

  • बहुत अच्छा (Very Good)
  • अच्छा (Good)
  • औसत (Average)
  • औसत से नीचे (Below Average)
  • खराब (Poor)
  • अनुपयुक्त (Unfit)

इससे पहले रोहित ने भी आलोचना की थी। उन्होंने कहा था, “हमने देखा कि इस मैच में क्या हुआ, पिच कैसा खेल रही थी और इसी तरह की चीजें। ईमानदारी से कहूं तो मुझे इस तरह की पिचों पर खेलने में कोई आपत्ति नहीं है। जब तक भारत में हर कोई अपना मुंह बंद रखेगा और भारतीय पिचों के बारे में ज्यादा बात नहीं करेगा। क्योंकि आप यहां (टेस्ट क्रिकेट में) खुद को चुनौती देने के लिए आते हैं। हां, यह खतरनाक है। यह चुनौतीपूर्ण है। इसलिए, और जब लोग भारत आते हैं, तो यह भी काफी चुनौतीपूर्ण होता है। देखिए, जब आप यहां टेस्ट खेलने के लिए आते हैं तो हम टेस्ट क्रिकेट, सर्वोच्च पुरस्कार, टेस्ट क्रिकेट के शिखर और इस तरह की चीजों के बारे में बात करते हैं। मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि हम भी इसके साथ खड़े रहें।”रोहित शर्मा ने आगे कहा “जब हमारे सामने ऐसी चुनौती आती है, तो आप आते हैं और उसका सामना करते हैं। भारत में भी ऐसा ही होता है, लेकिन, भारत में पहले ही दिन अगर पिच टर्न लेना शुरू कर देती है, तो लोग ‘धूल का झोंका! धूल का गुबार’ के बारे में बात करना शुरू कर देते हैं। धूल!’ यहां पिच पर बहुत अधिक दरार है। लेकिन, लोग उस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *