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ख़ुशी से झूमा इंदौर ,एलईडी स्क्रीन पर प्रसारण देखा -फिर नम्बर वन

इंदौर अब स्वच्छता के सातवें आसमान पर है। पहली बार सूरत को भी संयुक्त तौर पर सबसे स्वच्छ शहर बन गया। स्वच्छता हमारे संस्कार में है, इसलिए हम नंबर वन हैं। गुरुवार को दिल्ली के भारत मंडपम में समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पुरस्कार लिया। इस दौरान नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगमायुक्त हर्षिका सिंह भी मौजूद थे। तीसरे स्थान पर नवी मुंबई को मिला।इंदौर ने लगातार सातवीं बार स्वच्छता का ताज अपने पास बरकार रखा, लेकिन साथ में सूरत को भी संयुक्त रुप से पहला पुरस्कार मिला है। सबसे ज्यादा अंकों के साथ इंदौर रैंकिंग में सबसे आगे रहा, जबकि इस बार सर्वेक्षण की टीम इंदौर बारिश के दिनों में आई थी, लेकिन तब भी उन्हेें शहर साफ नजर आया। दिल्ली में आयोजित समारोह में जब देश के सबसे साफ शहर के लिए इंदौर का नाम पुकारा गया तो खुशी का आलम इंदौर में भी छाया। निगम मुख्यालय पर एलईडी स्क्रीन पर प्रसारण देख रहे जनप्रतिनिधि, अफसर, कर्मचारी खुशी से झूम उठे। इंदौरवासियों को एक बार फिर खुद पर गर्व करने का मौका मिला। स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 की थीम वेस्ट टू वेल्थ थी। 4477 शहरों में 9500 अंकों में सबसे ज्यादा अंक इंदौर और सूरत को मिले।

इन कामों के कारण बढ़े इंदौर के नंबर

– इंदौर ने वर्ष 2024 में सौदर्यीकरण पर जोर दिया। बैकलेन को सुंदर बनाया। वहां पोहा पार्टियां की गई।

– जीरो वेस्ट वार्ड बनाए गए। थ्री आर यानि रिड्यूज, रिसायकल और रियूज को अपनाकर नए गार्डन, चौराहे और कलाकृतियां बनाई गई।कई शहरों में कचरा अलग-अलग संग्रहित नहीं हो पा रहा है। इंदौर मेें अलग-अलग छह तरीकों से कचरा संग्रहित होकर सीधे ट्रेंचिंग ग्राउंड तक पहुंच रहा है। इस कारण कचरे का निपटान  आसानी से हो रहा है।शहर की आबोहवा को साफ करने पर जोर दिया गया। दूसरे शहरों की अपेक्षा इंदौर में कम प्रदूषण रहा।

अब आगे यह है इंदौर की चुनौतियांनदियों का प्रदूषण इंदौर के लिए चुनौती है। 500 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद कान्ह नदी पूरी तरह प्रदूषण से मुक्त नहीं हो पाई।इंदौर अभी भी एक ही ट्रेंचिंग ग्राउंड पर निर्भर है। वहां तक कचरा पहुंचाने में काफी समय लगता है।घरों में गिले कचरे से खाद बनाने में कमी आई है। बैकलेन को लगातर साफ रखना आसान नहीं। लोग फिर कचरा बेकलेन में फेंकने लगे हैै।

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