जिला विकास विभाग ने विधायकों से विकास कार्यों के प्रस्ताव मांगे हैं। पत्र लिखकर कहा है कि वित्त वर्ष समाप्त होने में करीब ढाई महीने बचे हैं। कई विधायकों ने अपनी निधि से अब तक बहुत कम खर्च किया है। विकास निधि के रूप में प्रति वर्ष एक विधायक को पांच करोड़ की धनराशि विभिन्न विकास कार्यों के लिए दी जाती है। विधायक निधि की यह पूरी धनराशि मौजूदा वित्त वर्ष में ही खर्च करनी होती है। लेकिन, कई विधायक विकास योजनाओं के प्रस्ताव देने में देरी करते हैं। जिससे कई बार यह धनराशि लैप्स हो जाती है। दून जिले के कुछ विधायक ऐसे ही हैं जो प्रस्ताव देने में देरी करते हैं। जिले के 10 विधायकों में से कई ने अपनी निधि जमकर खर्च की है तो कई पिछड़ गए। विधायक उमेश शर्मा काऊ, बृजभूषण गैरोला और गणेश जोशी का नाम विधायक निधि से पैसा खर्च करने में सबसे आगे है। वहीं, सविता कपूर, विनोद चमोली और खजानदास ने भी विकास कार्यों पर ठीक खर्च किया है। जबकि, इस वित्तीय वर्ष में अब तक प्रेमचंद अग्रवाल और प्रीतम सिंह विकास निधि के खर्च करने में पिछड़े हैं। इसी को अमर उजाला ने एक जनवरी के अंक में खबर प्रकाशित की। जिसके बाद विकास विभाग ने वित्तीय वर्ष के शेष ढाई महीने में विकास निधि खर्च कराने के लिए माननीयों को पत्र लिख कार्य प्रस्ताव मांगे हैं।