अंगदान और अंग प्रत्यारोपण के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से एम्स ऋषिकेश में सोमवार को जनजागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। अस्पताल के ओपीडी एरिया में अंगदान संकल्प पदयात्रा भी निकाली गई। कार्यक्रम में 100 से अधिक लोगों ने अंगदान के लिए शपथ ली और नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (नोटो) में पंजीकरण कराया। संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि अंगदान से हम जरूरतमंद व्यक्ति का जीवन बचा सकते हैं। अंगदान में भागीदारी करना, दान और समाज सेवा का महान रूप है। इसके लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अंगदान के प्रति जागरूक करना होगा। उन्होंने कहा कि एम्स शीघ्र ही लिवर ट्रांसप्लांट सुविधा शुरू करने जा रहा है। इसकी संस्तुति भी प्राप्त हो गई है। कहा कि एक व्यक्ति अपने शरीर के फेफड़े, हृदय और अग्नाशय सहित 8 अंगों को दान कर सकता है। डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने दूसरों का जीवन बचाने के लिए अंगदान के प्रति संकल्पित होने का आह्वान किया। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. आरबी कालिया ने अंगदान के प्रति समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करने की अपील की। ट्रांसप्लांट सर्जन डाॅ. कर्मवीर सिंह ने अंगदान को स्वैच्छिक विषय बताया। कहा कि किसी भी उम्र का व्यक्ति अंगदान कर सकता है। उन्होंने अंगदान करने की प्रक्रिया, इसका महत्व और इसकी आवश्यकता पर विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान काॅलेज ऑफ नर्सिंग की छात्राओं ने अंगदान की महत्ता विषय पर नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया। साथ ही ट्रांसप्लांट करा चुके कुछ लोगों ने अपने अनुभव साझा किए। इस मौके पर प्रो. ओमप्रकाश बासु, डाॅ. अमित गुप्ता, डाॅ. फरहान हुदा, डाॅ. दीपक राजपूत, डाॅ. नवीन कुमार, डाॅ. सुधीर कुमार सिंह, डाॅ. अंकुर मित्तल आदि मौजूद रहे।