स्टार्अप रैंकिंग में हिमाचल का बजा डंका, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने किया उत्कृष्ट पुरस्कार से सम्मानित
शिमला। स्टार्टअप रैंकिंग- 2022 में सात हिमाचल प्रदेश सरकार का फिर डंका बजा है। समूचे देश में लागू की स्टार्टअप योजना में हिमाचल प्रदेश को श्रेणी बी (एक करोड़ से कम आबादी वाले राज्य) में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार मिला है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दिल्ली में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के उद्योग विभाग के निदेशक राकेश प्रजापति को पुरस्कार दिया। प्रदेश का मूल्याकंन सुधार क्षेत्रों और 27 कार्य बिंदुओं पर किया गया, जिनका राज्य में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान है।
राज्य को क्षमता निर्माण में अग्रणी, फंडिग लीडर, सस्टेनेबिलिटी प्रोमोटर, इनक्यूबेशन हब, मॅटरशिप चैंपियन, इनोवेटिव लीडर और संस्थागत चैंपियन के रूप में मान्यता दी गई। स्टार्टअप योजना में हिमाचल प्रदेश में 10 करोड़ रुपये तक के स्टार्टअप से कई उद्यमियों को प्रोत्साहित किया है। इसके लिए हिमाचल ने 27 अलग-अलग बिंदुओं पर काम करते हुए स्टार्टअप योजना को धरातल पर बेहतरीन ढंग से लागू करने में सफलता हासिल की है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी हिमाचल के प्रयास की सराहना की और कहा कि एक करोड़ से कम आबादी वाले हिमाचल में स्टार्टअप योजना का सीधा आम जनता को लाभ देकर यह पहाड़ी राज्य पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत बना है।
स्टार्टअप योजना के बेहतरीन प्रयासों के लिए उद्योग विभाग के प्रधान सचिव आरडी नजोम, निदेशक राकेश कुमार प्रजापति तथा संयुक्त निदेशक दोपिक खत्री के प्रयासों की भी सराहना की गई है। इससे पहले भी उद्योग विभाग को माइक्रो फूड प्रोसेसिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार मिल चुका है। राष्ट्रपति ने यह पुरस्कार हिमाचल प्रदेश को दिया था। हिमाचल के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने राज्य के लिए पुरस्कार प्राप्त करने के प्रयासों के लिए उद्योग विभाग और स्टार्टअप टीम की सराहना की।
मुख्यमंत्री उद्योग विभाग और स्टार्टअप टीम की सराहना करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश न केवल देश बल्कि दुनियाभर में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में अग्रणी बनने के लिए प्रयासरत है। प्रदेश में औद्योगिकीकरण की गति बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सभी हितधारकों के लिए इंटरेक्टिव पोर्टल का निर्माण, उच्च शिक्षा संस्थानों में जागरूकता और पहुंच के लिए प्रभावी तंत्र बनाने तथा स्टार्टअप को प्रदर्शन एवं विपणन के अवसर प्रदान करने के लिए विभिन्न पहल शामिल हैं।