300 मीटर लाइन के मानक ने निरस्त किए तीन आवेदन
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना (एमएसएस) के तहत सोलर प्लांट लगाने के लिए उरेडा को सबसे अधिक 18 आवेदन मिले अल्मोड़ा। सोलर प्लांट से युवाओं को रोजगार से जोड़ने की योजना में 300 मीटर बिजली लाइन का मानक आड़े आ रहा है। आवेदकों की भूमि के पास बिजली लाइन न होने से मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना (एमएसएस) के तहत सोलर प्लांट स्थापित नहीं हो पा रहे हैं। हाल ही में विभाग ने तीन आवेदन निरस्त किए हैं।
जिले में एमएसएस योजना के तहत 20, 25, 50, 100 और 200 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए दो माह के भीतर उरेडा को 23 आवेदन मिले। 200 केवीए क्षमता का सोलर प्लांट लगाने के लिए आठ , 20 केवीए के लिए एक, 50 और 100 केवीए के लिए दो युवाओं ने आवेदन किया। उरेडा ने इनमें से आठ आवेदन यूपीसीएल को भेजे। आवेदकों की भूमि पर बिजली लाइन न होने से यूपीसीएल ने तीन आवेदन निरस्त कर दिए। 200 किलोवाट क्षमता के प्लांट के लिए युवाओं में अधिक रुझान है।
यूपीसीएल के ईई कन्हैया जी मिश्रा के मुताबिक भूमि के 300 मीटर दायरे में बिजली लाइन होने पर ही सोलर प्लांट को स्वीकृति दी जा सकती है। इससे लाभार्थी से आसानी से सोलर प्लांट से उत्पादित बिजली खरीदी जा सके।