अक्तूबर से अब तक 126 दिन में मात्र 8.4 मिमी. बारिश
रुद्रपुर/पंतनगर। अलनीनो प्रभाव के चलते ठंड के मौसम में अक्तूबर से अब तक 126 दिनों में मात्र 8.4 मिमी. बारिश रिकाॅर्ड की गई है। इसका असर विभिन्न खाद्यान्न, दलहनी, तिलहनी और सब्जी की फसलों पर पड़ने की पूरी आशंका है। वैज्ञानिकों के अनुसार कम बारिश और सूखी ठंड फलोत्पादन के लिए लाभकारी साबित होती है। जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय के फसल अनुसंधान केंद्र प्रभारी और कृषि वैज्ञानिक डाॅ. एसके वर्मा ने बताया कि अलनीनो प्रभाव की वजह से इस बार ठंड के मौसम में बारिश 14 अक्तूबर को 7.4 मिमी और चार दिसंबर को एक मिमी हुई। याति कुल 8.4 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जो न के बराबर है। कम बारिश का फसलों के उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। इतना ही नहीं इसकेे प्रभाव से ठंड खत्म होने के बाद एकाएक तापमान बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। इससे मार्च-अप्रैल में पकने वाली फसलें अपरिपक्व अवस्था में ही पकने लगेंगी और उनके दाने अस्वस्थ और वजन कम रह जाएगा। इसका असर सीधे तौर पर उनकी उपज पर पड़ेगा और उपज में भारी कमी आने की संभावना बनेगी। जब उपज कम होगी, तो स्वाभाविक है उत्पाद भी महंगा होगा। इसका असिंचित और पर्वतीय क्षेत्र में सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा, जहां पर खेती वर्षा आधारित होती है। हालांकि सिंचित क्षेत्र में रबी फसलों के लिए कम बारिश और अधिक ठंड लाभदायक साबित होती रही है, लेकिन इस बार स्थितियां विपरीत हैं। कमोवेश यही स्थिति दलहन, तिलहन, फल और सब्जी फसलों की भी रहेेगी।