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सितारगंज, खटीमा में जर्जर पांच पुलों की सुधरेगी दशा

रुद्रपुर। सितारगंज और खटीमा ब्लॉक क्षेत्र में जर्जर पांच पुलों की जल्द दशा सुधरने की उम्मीद है। लोक निर्माण विभाग ने इन पुलों को असुरक्षित श्रेणी में रखा है। खटीमा के दो पुलों के निर्माण की डीपीआर बनाने के लिए शासन से बजट जारी हो गया है जबकि सितारगंज के दो पुल और एक खटीमा के क्षतिग्रस्त पुल का सेफ्टी ऑडिट होना है। इसके लिए विभाग ने धन की मांग की है। नेपाल सीमा से जुड़े मेलाघाट को खटीमा से जोड़ने के लिए ब्रिटिशकाल के जमाने में दो पुलों का निर्माण किया गया था। यह दोनों पुल जर्जर हालत में पहुंच गए हैं। लोक निर्माण विभाग ने इन दोनों पुलों का सर्वे कराया तो पुलों की हालत खस्ता होने पर उन्हें असुरक्षित श्रेणी में रखकर उनका सेफ्टी ऑडिट कराया। करीब 95.37 मीटर व दूसरे 62.80 मीटर के इन पुलों के निर्माण की डीपीआर तैयार की जा रही है। इसके लिए शासन से विभाग को बजट भी जारी हो गया है। इसके अलावा सितारगंज में एनएच 125 पर चीकाघाट गांव में कैलाश नदी पर साल 1976 में बने करीब 110 मीटर पुराने पुल व शक्तिफार्म मार्ग पर बमनपुरी गांव में बैगुल नदी पर साल 1983 में बने लगभग 72 मीटर लंबे पुल की स्थिति भी जर्जर है। बरसात के दिनों में बैगुल पुल पर नदी का पानी ओवरफ्लो तक हो जाता है। इससे पुल के बहने या फिर उसके ध्वस्त होने की आशंका पैदा हो जाती है। इधर, खटीमा, छिनकी व झनकट मोटर मार्ग पर बना पुल भी खस्ता हालत में पहुंच गया है। विभाग ने इन तीनों पुलों का सेफ्टी ऑडिट कराने के लिए सीआरआई को पत्र लिखा है और प्रमुख अभियंता से बजट की मांग की है।

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