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आवेदनों की छंटनी शुरू, 31 मार्च तक जारी होंगे ई-टैक्सी के 500 परमिट

राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के तहत बेरोजगारों को ई-टैक्सी परमिट देने की योजना के तहत आवेदनों की छंटनी प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिला और उपमंडल स्तर पर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को आवेदनों की छंटनी का जिम्मा सौंपा गया है। छंटनी के बाद क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अपनी रिपोर्ट परिवहन निदेशालय को भेजेंगे। 31 मार्च तक आवेदकों को ई-टैक्सी परमिट जारी करने का लक्ष्य रखा गया है। ई-टैक्सी योजना के पहले चरण में 500 परमिट दिए जाने हैं। परिवहन विभाग के पास अब तक तीन हजार से अधिक आवेदन आ चुके हैं।

जिन आवेदकों को पहले चरण में परमिट नहीं मिलेंगे, उन्हें दूसरे चरण में प्राथमिकता दी जाएगी। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को 15 दिन के भीतर आवेदनों की छंटनी प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सबसे पहले आवेदकों के दस्तावेज जांचेंगे। इसके बाद ड्राइविंग टेस्ट लिया जाएगा। आवेदक को खुद ही ड्राइविंग टेस्ट देना होगा। सरकार के सख्त निर्देश हैं कि जो व्यक्ति परमिट के लिए आवेदन करेगा, उसे ही अपनी ई-टैक्सी चलानी होगी। अगर आवेदक टैक्सी चलाने के लिए किसी अन्य को नौकरी पर रखता है या कोई करार करता है तो परमिट रद्द कर दिया जाएगा।

50 फीसदी अनुदान देगी सरकार
राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के तहत ई-टैक्सी खरीदने के लिए सरकार बेरोजगारों को 50 फीसदी अनुदान देगी। ई-टैक्सी परमिट प्राप्त करने वाले युवाओं को सरकार निश्चित आमदनी की गारंटी देगी। ई-टैक्सियां सरकारी विभागों, स्थानीय प्राधिकरणों, स्वायत्त निकायों, बोर्ड, निगमों, सरकारी उपक्रमों और अन्य संस्थानों में किराये पर लगाई जाएंगी। ई-टैक्सी चालक की 20 से 40 हजार मासिक कमाई सुनिश्चित की जाएगी।

8 से 18 लाख की कीमत में उपलब्ध हैं इलेक्ट्रिक गाड़ियां
बाजार में विभिन्न कंपनियों की इलेक्ट्रिक गाड़ियां 8 से 18 लाख की कीमत में उपलब्ध हैं। हालांकि, लग्जरी इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमत 40 से 80 लाख तक है। ई-टैक्सी के लिए बेरोजगार युवा अगर 18 लाख की इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदते हैं तो इस पर 9 लाख रुपये सरकारी अनुदान मिलेगा।

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