कहा, यह आयोजन राजकीय न रहकर इसमें प्राइवेट पार्टनरशिप को बढ़ावा दिया जाए और आम जनमानस इस आयोजन से जुड़े। राजभवन में हुई बैठक में राज्यपाल ने कहा, वसंतोत्सव से उत्तराखंड में फ्लोरीकल्चर को बढ़ावा दिया जाए। पुष्प प्रदर्शनी को व्यावसायिक गतिविधियों से जोड़ा जाना आवश्यक है। यह आयोजन राज्य के दूर-दराज के पुष्पोत्पादन, जड़ी-बूटी, सगंध पौधों एवं अन्य जैविक उत्पादों की व्यावसायिक खेती से जुड़े काश्तकारों और उत्पादकों के लिए एक प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित होना चाहिए। वसंतोत्सव में आईएचएम व जीएमवीएन संग ही राज्य की महिला स्वयं सहायता समूहों के सौजन्य से फूड कोर्ट स्थापित किए जाएं, जिसमें मुख्य रूप से हमारे पारंपरिक मोटे अनाज को वरीयता दी जाए।
वसंतोत्सव से विशेष रूप से शहद उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाएगा। राज्यपाल ने कहा, पुष्पोत्पादन और कृषि गतिविधियों पर आधारित लगने वाले स्टॉल में महिलाओं की अधिकाधिक भागीदारी हो और उन्हें स्टॉल लगाने के लिए वरीयता दी जाए। बैठक में बताया गया कि पुष्प प्रदर्शनी में 15 कई श्रेणियों में प्रतियोगिताएं आयोजित की गई हैं।
वसंतोत्सव में आईटीबीपी, आईएमए, पीएसी, स्काउट एंड गाईड, होमगार्ड की ओर से आकर्षक बैंड के माध्यम से प्रस्तुतियां दी जाएंगी। संस्कृति विभाग के सौजन्य से लोक कलाकारों द्वारा राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक भी प्रस्तुत की जाएगी। योगा और मार्शल आर्ट से संबंधित प्रदर्शन भी इस दौरान आयोजित होंगे।
वसंतोत्सव में पहली बार हाइड्रोपोनिक खेती तकनीक प्रदर्शन को भी शामिल किया गया है। जिसके लिए तीन पुरस्कार दिए जाएंगे। वहीं रूफ टॉप गार्डनिंग, बोनसाई गार्डनिंग, टेरेरियम और शहद प्रसंस्करण से संबंधित प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएगी। व्यावसायिक, निजी पुष्प उत्पादकों सहित विभिन्न सरकारी उद्यानों की पुष्प प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता, पुष्प आधारित रंगोली प्रतियोगिताएं भी आयोजित होंगी। बैठक में सचिव रविनाथ रामन, विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव स्वाति एस. भदौरिया, निदेशक उद्यान दीप्ति सिंह, अपर निदेशक डॉ. आरके सिंह आदि मौजूद रहे।