दिव्यांगों के लिए बाधा रहित वातावरण बनाना जरूरी : डॉ. गीता खन्ना
समावेशी शिक्षा में दिव्यांगों के लिए गणित और विज्ञान शिक्षण चुनौतियों पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन मंगलवार को हुआ। कार्यशाला उत्तराखंड मुक्त विवि, हल्द्वानी की ओर से यूसर्क के सहयोग से राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान में हुआ। समापन उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना, राष्ट्रीय दिव्यांगजन संस्थान के अकादमिक हेड डॉ. सुरेंद्र ढालवाल ने किया। कार्यशाला में राष्ट्रीय पैरा एथलीट चैंपियन सुशील नीरज गोयल को भी सम्मानित किया गया। डॉ. गीता ने कहा कि समावेशी समाज में ऐसे बहुत से उदाहरण हैं, जिससे समाज में दिव्यांगों का सशक्तिकरण हुआ है। हमें संवेदनशील होने के साथ दिव्यांगों के अधिकारों के प्रति जागरूक भी होना होगा। दिव्यांगों के लिए बाधा रहित वातावरण बनाना जरूरी है। डॉ. सुरेंद्र ढालवाल ने विशेष बच्चों की जांच के बाद उनके लिए पाठ्यक्रम निर्माण किए जाने की जरूरत पर जोर दिया। साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार दिव्यांगों के लिए विशेष पाठ योजना के प्रावधानों को लागू किए जाने पर जोर दिया गया। कार्यशाला के संयोजक डॉ. सिद्धार्थ पोखरियाल ने कार्यशाला की रिपोर्ट प्रस्तुत की। विभागाध्यक्ष डॉ. डिगर सिंह फर्स्वाण ने सभी का स्वागत किया। इस मौके पर संस्थान के सहायक प्राध्यापक डॉ. पंकज कुमार ने सभी को धन्यवाद दिया। इस दौरान डॉ. राकेश रयाल, अनिल कंडारी, गोविंद सिंह रावत और डॉ. सुभाष रमोला मौजूद थे।