चकराता और त्यूणी क्षेत्र में बर्फबारी और बारिश के बाद बगीचों की भूमि मुलायम हो गई है। बागवान सेब की नई पौध लगाने की तैयारी कर रहे हैं। वे देहरादून और हिमाचल प्रदेश की नर्सरी से नई पौध खरीद कर ला रहे हैं। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक सेब की पौध लगाने का यह सही समय है। उन्होंने सरकार से अधिकृत नर्सरी से ही पौध खरीदने की सलाह दी है। बर्फबारी और बारिश न होने के चलते चकराता और त्यूणी क्षेत्र के बागवान सेब की पौध की रोपाई नहीं कर पा रहे थे। 31 जनवरी को बर्फबारी के बाद मौसम में बदलाव आया। चकराता में सीजन की पहली बर्फबारी हो गई। अब बागवान सेब के पौध लगाने की तैयारी में जुट गए हैं। सेब की नर्सरी लगाने वाले चंदर सालटा बताया कि अभी सेब की पौध के खरीदार बढ़ गए हैं। बताया कि एक समय लग रहा था नर्सरी बनाने के लिए लगाई गई रकम वापस नहीं आएगी, लेकिन मौसम मेहरबान होने से पौधों की खूब बिक्री हो रही है।
कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के प्रमुख डॉ. अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि सेब की पौध लगाने का सही समय जनवरी में होता है। लेकिन, बर्फबारी और बारिश के बाद यह समय भी उपयुक्त है। उन्होंने बागवानों को सलाह दी कि वह सरकारी केंद्रों, केंद्र व राज्य सरकार से अधिकृत नर्सरी से ही सेब की पौध खरीदें। अधिकृत नर्सरी से उच्च गुणवत्ता वाले पौधे मिलते हैं। उन्होंने बताया कि देहरादून जिले में सेब की 11 अधिकृत नर्सरी है। इसके अलावा सोलन में डाॅ. वाइएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में भी सेब की उच्च गुणवत्ता वाले पौधे मिलते हैं। उन्होंने बताया कि बागवान नर्सरी से पौध की खरीद की रसीद जरूर प्राप्त करें।