भारत के खिलाफ क्यों नहीं चला जो रूट का बल्ला? इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलिस्टर कुक ने बताई वजह
भारत और इंग्लैंड के बीच जारी पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के दूसरे मुकाबले में जो रुट फ्लॉप साबित हुए। उनके बल्ले से रन निकलना तो दूर वह विकेट पर भी ज्यादा देर नहीं टिक सके। रुट के खराब प्रदर्शन पर एलिस्टर कुक ने बात की। उन्होंने बताया कि बैजबॉल में फिट होने के लिए रुट असली खेल भूल गए हैं। भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में रुट का बल्ला नहीं चला। उन्होंने पहली पारी में 5 और दूसरी पारी में सिर्फ 16 रन बनाए। वहीं, गेंदबाजी में वह पूरी तरह से फेल रहे। कुक ने बताया कि रुट दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में हर गेंद पर अटैक करना चाहते थे। वह सहज नहीं दिखे।
एलिस्टर कुक ने कहा, “वह (जो रुट) सभी प्रारुपों में इंग्लैंड का अब तक के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक है, लेकिन वह इस बैजबॉल युग की खेल की रफ्तार के साथ कभी-कभी संघर्ष करता है। वह टीम के दूसरे खिलाड़ियों को आक्रामक शॉट खेलते हुए देखता हा, जो उन खिलाड़ियों की शैली के अनुरुप है। बैजबॉल में जगह बनाने की बेताबी में वह आक्रामक और रक्षात्मक खेल का सही संतुलन भूल गया है।“
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान कुक की कप्तानी में आखिरी बार इंग्लैंड ने भारतीय सरजमीं पर टेस्ट सीरीज अपने नाम की थी। 2012 के बाद से भारत के खिलाफ कोई भी टीम घर में सीरीज नहीं जीत पाई है। बेन स्टोक्स की अगुवाई में इंग्लिश टीम ने भारत को पहले टेस्ट में 28 रन से मात दी और सीरीज में 0-1 से बढ़त बना ली थी। भारतीय टीम ने विशाखापत्तनम में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में शानदार वापसी करते हुए इंग्लैंड को 106 रनों से हराकर सीरीज 1-1 पर ला दी।
दूसरे टेस्ट में रुट को अश्विन ने दूसरी पारी में अपना शिकार बनाया। भारतीय ऑफ स्पिनर ने पांचवीं बार रुट को अपना शिकार बनाया। कुक ने इंग्लिश खिलाड़ी को लेकर बात करते हुए कहा, “वह नौ गेंदों पर 16 रन पर था और आमतौर पर इतनी तेजी से बल्लेबाजी नहीं करते हैं। वह आम तौर पर 75 या 80 के बीच स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हैं। इसमें जोखिम बेहद कम होता है। टेस्ट मैच में यह स्ट्राइक रेट भी काफी अधिक है। मुझे रुट को नैसर्गिक बल्लेबाजी करते देखना पसंद है।“