राज्य में 1510 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त
चंपावत। उत्तराखंड राज्य में 5394 ग्राम पंचायतें, गांव और अर्बन वार्ड टीबी मुक्त कर दिए गए हैं। इन जगहों पर एक भी टीबी का मरीज नहीं मिला है।जारी आंकड़ों में 3830 ग्राम पंचायतें और 1510 गांव अब तक टीबी मुक्त हो चुके हैं। 54 अर्बन वार्ड में एक भी टीबी मरीज नहीं मिला है। अब टीम के माध्यम से इन गांवों में सत्यापन कार्य किया जा रहा है। राज्य को टीबी मुक्त करने की कवायद तेजी से चल रही है। इसका असर भी धीरे-धीरे दिख रहा है। इस सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार पौड़ी जिला वर्तमान में 297 ग्राम पंचायतों के साथ नंबर एक पर है। इस जिले के 968 गांवों में एक भी टीबी मरीज नहीं है। टीबी मुक्त गांव की श्रेणी में उत्तरकाशी जिला सबसे निचले पायदान पर है। यहां पर 27 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हो चुकी हैं। जबकि 47 गांव में टीबी का एक भी मरीज नहीं हैं। यह आंकड़े राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (नेशनल ट्यूबरक्लोसिस एलिमिनेशन प्रोग्राम) के तहत जारी किए गए हैं।
चंपावत जिले में 91 गांव और 40 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हो चुकी हैं। इन गांवों और ग्राम पंचायतों में टीम के माध्यम से सत्यापन का कार्य किया जा रहा है। सत्यापन के बाद इन ग्राम पंचायतों को विश्व टीबी दिवस पर सम्मानित किया जाएगा। वर्ष 2024 में जिले में 220 गांवों को टीबी मुक्त किए जाने का लक्ष्य निर्धारित है।
डॉ. कुलदीप यादव, जिला क्षय अधिकारी, चंपावत।