Sat. May 10th, 2025

हेल्थ केयर वर्कर को आपातकालीन चिकित्सा पद्धति का अनुभव जरूरी’

इमरजेंसी मरीजों के इलाज की चिकित्सा पद्धति अलग होती है। साथ ही ऐसे मरीजों के क्लीनिकल मैनेजमेंट के लिए चिकित्सकों को भी विभिन्न स्वास्थ्य तकनीकों का पूर्ण अनुभव होना जरूरी है।

इसी उद्देश्यों को लेकर एम्स ऋषिकेश के आपातकालीन चिकित्सा विभाग और ट्राॅमा सर्जरी विभाग की ओर से उत्तराखंड स्टेट काउंसिल फाॅर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (यूकोस्ट) व कार्डियो डायबिटिक सोसाइटी के सहयोग से चिकित्सकों और तकनीशियनों के लिए एडवांस्ड कैडवर बेस्ड इमरजेंसी स्किल पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।

कार्यशाला में एडवांस स्किल्स से संबंधित बेसिक ऑफ इमरजेंसी ब्रोंकोस्काॅपी, इलाज के दौरान दर्द कम करने के लिए नसों को ब्लाॅक करना, इमरजेंसी थोरेकोटाॅमी, दिमाग में बहे खून को निकालने की प्रक्रिया एक्सटर्नल वेंट्रिकुलर ड्रेनेज, टोडी इको अल्ट्रासाउंड, हृदय के चारों ओर भरे पानी को निकालने की तकनीक पेरिकाॅर्डियम सिंटेसिस और मरीज को वेंटिलेटर पर रखे जाने के दौरान अपनाई जाने वाली प्रक्रिया इंटुवेशन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।

एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि आपातकालीन चिकित्सा पद्धति गंभीर व तीव्र बीमारी या दुर्घटना के कारण चोट लगने वाले रोगियों के तत्काल स्वास्थ्य मूल्यांकन, निदान, पुनर्जीवन और उपचार के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया है। इमरजेंसी विभाग में कार्यरत प्रत्येक हेल्थ केयर वर्कर को इस चिकित्सा पद्धति का अनुभव होना जरूरी है।

एडवांस्ड कैडवर बेस्ड इमरजेंसी स्किल (एसीएएस) कार्यशाला को यूकोस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत, एम्स की डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. आरबी कालिया सहित विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे इमरजेंसी चिकित्सा विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने संबोधित किया और प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया। कार्यशाला में राज्य के विभिन्न मेडिकल काॅलेजों के 50 से अधिक डाॅक्टरों, रेजिडेंट्स और हेल्थ केयर वर्करों ने प्रतिभाग किया।

कार्यशाला में ट्राॅमा इमरजेंसी विभागाध्यक्ष डाॅ. कमर आजम, इमरजेंसी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डाॅ. निधि कैले, ट्राॅमा सर्जन डाॅ. मधुर उनियाल, डाॅ. रविकांत, डाॅ. वरुण कुमार, डाॅ. रजनीश अरोड़ा, डाॅ. बिजेंद्र सिंह, एम्स दिल्ली के डाॅ. संजीव भोये, निम्स हैदराबाद के डाॅ. आशिमा शर्मा, एम्स भुवनेश्वर के डाॅ. उपेंद्र हंसदा, एम्स गोरखपुर की डाॅ. अंकिता कावी और हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट के डाॅ. रोहन भाटिया सहित कई विशेषज्ञ चिकित्सक शामिल हुए।

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