हिमाचल में नया शैक्षणिक सत्र आज से, नए नियम होंगे लागू; अंग्रेजी-हिंदी माध्यम में होगी पढ़ाई
शिमला। हिमाचल के सरकारी स्कूलों में अब पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई होगी। प्रदेश सरकार ने नए सत्र से इसे लागू करने का आदेश दिया है। सोमवार से शीतकालीन अवकाश वाले स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो रहा है। इन स्कूलों में इस सत्र से पहली और दूसरी कक्षाओं में अंग्रेजी माध्यम का विकल्प भी दिया जाएगा। शीतकालीन अवकाश खत्म होने के बाद सोमवार से स्कूलों में रौनक लौटेगी।
शिक्षा क्षेत्र में व्यवस्था परिवर्तन के तहत विभाग नए सत्र से कई तरह बदलाव करने जा रहा है। सत्र के पहले दिन से ही स्कूलों में नियमित कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। इसके निर्देश सचिव शिक्षा राकेश कंवर ने पहले ही जारी कर दिए हैं। सोमवार से ही स्कूलों में नए सत्र के लिए दाखिले भी हो जाएंगे, साथ ही किताबों का आवंटन भी होगा। शिक्षा क्षेत्र में हिमाचल की रैंकिंग सुधारने के लिए सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पिछले वर्ष वार्षिक परीक्षाएं खत्म होने के बाद भी विभाग ने 31 दिसंबर तक नियमित तौर पर कक्षाएं ली थी। इसमें विद्यार्थियों की कमियों को दूर करने पर काम किया गया। सचिव ने स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वे समय का प्रबंधन (टाइम मैनेजमेंट) करें, ताकि कक्षाओं के साथ अन्य गतिविधियां भी आयोजित हो सकें।
समग्र शिक्षा अभियान डाईट के माध्यम से जेबीटी शिक्षकों के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन करेगा। इसमें शिक्षकों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाने के बारे में बताया जाएगा। शैक्षिक दिवस बढ़ेंगे, स्कूलों को मिलेगा सेंटर आफ एक्सीलेंस का दर्जानए शैक्षणिक सत्र से स्कूलों में कई तरह के बदलाव होंगे। स्कूलों में शैक्षिक दिवस बढ़ाए जाएंगे। अभी 180 शैक्षिक दिवस हैं। इन्हें 220 करने की तैयारी है।
शिक्षा विभाग ने रिपोर्ट सरकार को भेजी है, स्वीकृति मिलना शेष है। वहीं, सरकार करीब 1500 स्कूलों को मुख्यमंत्री सेंटर आफ एक्सीलेंस का दर्जा देगी। इसकी प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। इसलिए हो रहे बदलावशिक्षा के क्षेत्र में कुछ वर्ष पूर्व तक केरल से मुकाबला करते हुए दूसरे स्थान पर रहने वाले हिमाचल की रैंकिंग 13वें से अब 17वें स्थान पर पहुंच गई है।
प्रदेश में जगह-जगह कम दूरी पर स्कूल खुलने, रट्टा अधिक लगने और यू डाइस डाटा सही तरीके से न भरने से रैंकिंग में कमी दर्ज हुई है। परफार्मिंग ग्रेडिंग इंडेक्स 2021-22 की रिपोर्ट के बाद जागी सरकार ने सुधार लाने के लिए कसरत शुरू की है।