अंडर-19 फाइनल में हारने के बाद भी भारतीय युवा खिलाड़ियों का भविष्य उज्ज्वल, जानें उनके बारे में

सचिन धस: महाराष्ट्र के बीड के इस खिलाड़ी ने अपनी ‘ फिनिशिंग ’ की काबिलियत से सबको आकर्षित किया। उनका नाम महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के नाम पर रखा गया। धस ने बल्ले से ‘एक्स फैक्टर’प्रदान किया और जोखिम भरे खेल के बावजूद टूर्नामेंट के सर्वाधिक रन बनाने वाले शीर्ष पांच खिलाड़ियों में शामिल रहे। सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनकी 96 रन की पारी ने भारत की जीत में अंतर पैदा किया क्योंकि टीम ने 32 रन के अंदर चार विकेट गंवा दिए थे।
सौम्य पांडे: राजस्थान के भरतपुर में एक स्कूल शिक्षक के बेटे सौम्य ने अपनी सटीक बायें हाथ की स्पिन से टूर्नामेंट में भारत को सही समय पर विकेट दिलाए और वह 18 विकेट लेकर टीम के सर्वाधिक विकेट झटकने वाले गेंदबाज रहे। उनके पिता ने उन्हें फिट बनाने के लिए क्रिकेट में डाला था
बाएं हाथ के तेज गेंदबाज नमन है बुमराह के मुरीद
नमन तिवारी : लखनऊ का यह बायें हाथ का तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को आदर्श मानता है और उन्होंने भारत के इस तेज गेंदबाज से यॉर्कर डालना सीखा है। उन्होंने टूर्नामेंट में 19.83 के औसत से 12 विकेट चटकाए।
मुरुगन अभिषेक : हैदराबाद का युवा ऑफ स्पिनर आर अश्विन से काफी प्रभावित है। हालांकि वह काफी विकेट नहीं ले सके लेकिन रन गति पर लगाम कसने में सफल रहे।
अरावेली अवनीश : रवि शास्त्री और आर श्रीधर की अकादमी का यह विकेटकीपर बल्लेबाज हैदराबाद के लिए लिस्ट ए में पदार्पण कर चुका है और हाल में उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग की नीलामी में चेन्नई सुपर किंग्स ने खरीदा था जो उनकी प्रतिभा का प्रमाण है। वह तेलंगाना के राजन्ना सिरसिला जिले के पोथुगल गांव से हैं।