अब प्राकृतिक खेती ही करेंगे जनजातीय क्षेत्र स्पीति और पांगी, बिना केमिकल्स की खेती से मिलेगा फायदा
मंडी। हिमाचल प्रदेश के लाहुल स्पीति जिले के स्पीति और चंबा के पांगी के किसान अब प्राकृतिक खेती ही करेंगे। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में प्रदेश सरकार ने एक बड़ी पहल की है। प्रदेश सरकार की इस मुहिम में दोनों जनजातीय क्षेत्र के किसानों ने भी अपनी सहमति जताई है। इससे दोनों क्षेत्रों में 100 प्रतिशत प्राकृतिक खेती का रास्ता साफ हो गया है। अब यहां के किसान किसी प्रकार के रसायन का प्रयोग नहीं करेंगे।
पांगी उपमंडल की सभी 19 व स्पीति वैली की 13 पंचायतों व पंचायत समिति ने प्रस्ताव पारित कर अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दे दी है। कृषि विभाग के प्रदेश स्तर के अधिकारी दोनों उपमंडलों के प्रशासन के साथ संयुक्त निरीक्षण कर चुके हैं। स्पीति वैली में करीब 1272 हेक्टेयर कृषि व बागवानी योग्य भूमि है। इसमें 200 हेक्टेयर भूमि में बागवानी व अन्य में कृषि होती है। यहां के किसानों व बागवानों को प्राकृतिक खेती के प्रति आकर्षित करने की मुहिम 2017 में शुरु हुई थी।
आतमा प्रोजेक्ट के अधिकारियों के प्रयासों से यहां की 13 पंचायतों में 314 किसानों ने प्राकृतिक खेती अपना रखी है। इसी साल 12 करोड़ से अधिक मटर की फसल बेचकर स्पीति के किसान मालामाल हुए थे। पंजीकरण के बाद किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण दिया गया था। जीवामृत व अन्य जैविक खाद व कीटनाशक तैयार करने की विधि बताई गई। स्पीति वैली में फूलगोभी, मटर, बंदगोभी, ब्रोकली, मूली, पालक, आलू व जौ का बड़ी मात्रा में उत्पादन होता है।
क्षेत्र के 15 से अधिक बागवान व कृषि विज्ञान केंद्र ताबो ने प्राकृतिक रूप से सेब का उत्पादन कर नई मिसाल पेश की थी। पर्यटकों के अलावा स्थानीय होटल व रेस्टोरेंट में प्राकृतिक खेती से तैयार उत्पादों की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। किसानों व बागवानों को उनके घर द्वार पर उत्पादों के उचित दाम मिल रहे हैं। पांगी वैली में भी बड़े पैमाने पर सब्जी आदि का उत्पादन होता है। प्रदेश सरकार के इन प्रयासों से किसानों की आय भी बढ़ेगी और लोगों को रसायनमुक्त उत्पादन मिलने से कैंसर व अन्य बीमारियों पर भी काफी हद तक अंकुश लगेगा।
आतमा प्रोजेक्ट स्पीति की ब्लॉक तकनीकी प्रबंधक सुजाता नेगी ने कहा कि स्पीति वैली में पहले से किसान बड़ी मात्रा में प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। अब सरकार ने यहां 100 प्रतिशत प्राकृतिक खेती करने की कवायद शुरु की है। यहां के किसानों ने भी इसमें अपनी सहमति जताई है।
पांगी आवासीय आयुक्त रीतिका जिंदल ने कहा कि पांगी उपमंडल की सभी 19 पंचायतों व पंचायत समिति ने प्राकृतिक खेती करने पर अपनी सहमति जताते हुए एनओसी दी है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त निरीक्षण किया है।