न्यायिक मजिस्ट्रेट नंदिता काला की अदालत ने चेक बाउंस के अभियुक्त को दोषसिद्ध करार देते हुए एक माह के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्त पर 35 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। जिसमें से 33 हजार परिवादी को प्रतिकर के रूप में देय होंगे। जबकि दो हजार की धनराशि जुर्माने के तौर पर राजकोष में जमा करानी होगी। जुर्माना जमा न करने पर 15 दिन का साधारण कारावास अतिरिक्त भुगतना होगा। मंशादेवी दूधूपानी गुमानीवाला निवासी दिनेश पाल ने 23 अक्तूबर 20218 को न्यायालय में वाद दायर किया था। दिनेश पाल ने बताया था कि पवन कुमार निवासी शिवाजी नगर से उसकी अच्छी जान पहचान थी। जिस कारण दोनों में अक्सर रुपये का लेनदेन होता था। दिनेश ने बताया कि 20 जुलाई 2018 को पवन कुमार ने उससे आवश्यक कार्य की बात कह कर 30 हजार रुपये उधार लिए थे। 31 अगस्त 2018 को पवन कुमार ने 6400 नकद वापस किए। शेष भुगतान के लिए इलाहाबाद बैंक के हरिद्वार रोड शाखा का चेक दिया। दिनेश ने बताया कि जब उसने वह चेक बैंक में जमा कराया तो बैंक ने अपर्याप्त धनराशि कह कर वापस लौटा दिया। जिसकी जानकारी पवन को भी दी गई। बावजूद इसके पवन ने धनराशि वापस नहीं की। जिस पर उसे मजबूरन न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट नंदिता काला की अदालत ने फैसला सुनाया।