अपनी शर्तों पर अड़े विक्रमादित्य… हाई कमान के साथ 3 घंटे की बैठक, बोले- फिलहाल इस्तीफे का नहीं डालूंगा दबाव
शिमला। हिमाचल प्रदेश की सियासत को लेकर बुधवार दिनभर सियासी ड्रामा चलता रहा। राज्य लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य से होने बुधवार सुबह 10:30 बजे हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया और कहा कि वह अपने मंत्री पद से इस्तीफा देते हैं।
उन्होंने इस्तीफा का ऐलान करते हुए कहा था कि उनके पिता स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के नाम पर यह सरकार सत्ता में आई है और डेढ़ साल का कार्यकाल होने के बाद भी उनकी मूर्ति लगाने के लिए रिज मैदान पर दो गज जमीन भी उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है इसके अलावा उन्होंने नाराजगी की कई अन्य वजह भी गिनाई थी।
पार्टी हाई कमान उन्हें मनाने में जुटा हुआ था और शाम 8:00 बजे उन्होंने कहा कि वह अपने इस्तीफा के लिए अब कोई दबाव नहीं बनाएंगे। इससे पहले विक्रमादित्य सिंह अपनी मां और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ शाम साढ़े 5 बजे हाईकमान के द्वारा नियुक्त किए गए पर्यवेक्षक डीके शिवाकुमार व भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिलने सिसिल होटल पहुंचे थे।
लगभग 3 घंटे होटल में रहने के बाद वह रात करीब साढ़े 8 बजे बाहर निकले और अपने निजी आवास हॉलीलॉज चले गए। पार्टी हाई कमान द्वारा भेजे गए पर्यवेक्षकों से बातचीत के बाद विक्रमादित्य सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वह अपने इस्तीफे पर दबाव नहीं डालेंगे।
उन्होंने कहा कि व्यक्ति विशेष से संगठन सर्वोपरि है और उन्होंने पर्यवेक्षकों से बातचीत के बाद अपने इस्तीफे पर दबाव न डालने का फैसला किया है। हालांकि उन्होंने कहां की इस्तीफा वापस लेना और दबाव न डालना अलग-अलग बात है।
उन्होंने कहा कि वह प्रदेश की जनता कि सेवा के लिए आये हैं। इसलिए मतभेद भुलाकर आगे बढ़ना चाहते हैं। पार्टी प्रदेश मामलों के प्रभारी ने भी कहा कि विक्रमादित्य सिंह अपने इस्तीफे पर दबाव नहीं डालेंगे। सूत्र बताते हैं कि इस दौरान उन्होंने अपनी कुछ शर्ते भी रखी है।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा कि पार्टी हाई कमान ने जो पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं वह सभी से बातचीत कर रहे हैं और उनकी राय जान रहे हैं।