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जमीन की नए सिरे से तलाश होगी, तब बनेगा खेल विवि

हल्द्वानी। गौलापार में प्रस्तावित प्रदेश के पहले खेल विश्वविद्यालय के लिए जगह चुनी जाने के बावजूद काम शुरू नहीं हो पा रहा है। इसका कारण क्षतिपूर्ति के लिए अब तक जगह नहीं मिलना है। अब खेल विभाग ने नए सिरे से जमीन की तलाश शुरू कर दी है। इसके लिए छोटे-छोटे हिस्सों को भी देखा जा रहा है, ताकि क्षतिपूर्ति के लिए पौधे लगाने का काम किया जाए और खेल विश्वविद्यालय का काम भी शुरू हो सके। हल्द्वानी में प्रदेश का पहला खेल विश्वविद्यालय बनाने की मार्च 2023 में मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी। इसके लिए गौलापार में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय खेल परिसर में बने क्रिकेट स्टेडियम के करीब स्थित जगह का चयन किया गया। यहां करीब 12.5 हेक्टेयर जगह खेल विश्वविद्यालय के लिए मिली है। इसके बावजूद दो महीने में खेल विश्वविद्यालय के लिए कोई कवायद नहीं हो सकी है। दरअसल वन अधिनियम के तहत वन विभाग अपनी भूमि को किसी विभाग को तभी देता है, जब संबंधित विभाग उस भूमि के दोगुनी जमीन पर पौधरोपण करे। खेल विभाग को इस आधार पर करीब 25 हेक्टेयर जगह की जरूरत है मगर एक साथ विभाग को इतनी जगह नहीं मिल पा रही है। इसके लिए विभाग ने जिलाधिकारी कार्यालय के भी चक्कर काट लिए हैं।

खेल विश्वविद्यालय के लिए भूमि तो चयनित है मगर इसकी क्षतिपूर्ति के लिए जगह की तलाश की जा रही है। अभी तक पर्याप्त जमीन नहीं मिल सकी है। इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
रशिका सिद्दिकी, सहायक निदेशक खेल

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