24 घंटे की इमरजेंसी सेवा के लिए एक मेडिकल अफसर
उप जिला अस्पताल विकासनगर में केवल एक इमरजेंसी मेडिकल अफसर हैं। हाल यह है कि अस्पताल में दिन में उपनल कर्मियों के भरोसे इमरजेंसी सेवा चलती है। वहीं, रात में विशेषज्ञ चिकित्सक को मजबूरी में इमरजेंसी ड्यूटी करनी पड़ती है। इमरजेंसी ड्यूटी करने वाले विशेषज्ञ चिकित्सक को अगले दिन आराम दिया जाता है। इसके चलते अगले दिन संबंधित विशेषज्ञ की ओपीडी ठप रहती है।
उप जिला अस्पताल में मेडिकल अफसर के सात पद स्वीकृत हैं। छह पदों पर चिकित्सक नियुक्त हैं। इनमें से तीन मेडिकल अफसर स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने गए हैं। दो महिला मेडिकल अफसर की ड्यूटी प्रसव कक्ष और वार्ड में लगाई गई है। ऐसे मे केवल एक मेडिकल अफसर शेष रह जाते हैं। उनकी ड्यूटी इमरजेंसी विभाग में लगाई गई है। अस्पताल में 24 घंटे तीन शिफ्ट में इमरजेंसी सेवा संचालित की जाती है। लेकिन, एक इमरजेंसी मेडिकल अफसर एक शिफ्ट में ही ड्यूटी दे सकते हैं। अस्पताल में दिन में इमरजेंसी सेवा उपनल कर्मियों के भरोसे चल रही है। कोई बड़ी इमरजेंसी होने पर विशेषज्ञ चिकित्सक ही उपचार देते हैं। इमरजेंसी मेडिकल अफसरों की कमी के चलते विशेषज्ञ चिकित्सकों को रात को इमरजेंसी में ड्यूटी देनी पड़ती है। इससे सुबह ओपीडी बंद रहने से मरीजों को उपचार में दिक्कत आती है।
अस्पताल में छह मेडिकल अफसर हैं। इनमें तीन स्नातकोत्तर करने गए हैं। जबकि दो महिला मेडिकल अफसर प्रसव कक्ष और वार्ड में ड्यूटी करती हैं। अब एक मेडिकल अफसर ही बच जाते हैं। मेडिकल अफसर की व्यवस्था के लिए मुख्यालय को पत्र लिखा गया है