जिले में 1 से 3 मार्च तक रह-रहकर ओलावृष्टि और तेज बारिश से फसलें बिछ गईं। सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं व सरसों की फसलों को हुआ। अब प्रशासन इस नुकसान का सर्वे कराएगा। तहसील स्तर पर पटवारियों की टीमों का गठन कर दिया गया है। ये टीमें अपने क्षेत्रों में फसलों के नुकसान की रिपोर्ट तैयार करेंगी। इसके बाद प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर किसानों को मुआवजा देने पर जिला प्रशासन विचार करेगा। जिले में गेहूं व सरसों की फसलें करीब-करीब तैयार हो चुकी हैं। तीन तक हुई जबरदस्त बारिश और कहीं-कहीं ओलावृष्टि ने इन तैयार फसलों को खेतों में बिछा दिया। अब किसानों ने गांव स्तर के अधिकारियों से मुआवजे की मांग शुरू कर दी है। वहीं, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अब तक कहीं फसलों के नुकसान की शिकायत नहीं आई है। फिर भी बारिश और ओलावृष्टि के प्रभाव का आकलन कराने के लिए सर्वे कराया जाएगा। किसान किसी भी कार्यदिवस में बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान की शिकायत एडीएम वित्त एवं राजस्व कार्यालय में दर्ज करा सकते हैं। मालूम हो कि जिले में इस बार करीब 15 हजार हेक्टेयर में गेहूं व आठ हेक्टेयर रकबे पर सरसों की फसल है।
ओलावृष्टि और बारिश से जिले में फसलों को नुकसान पहुंचा है। किसानों को मुआवजे के लिए फसलों के नुकसान का आकलन कराया जाएगा। इसके लिए तहसील स्तर पर टीम गठित कर दी गई है। – रामजी शरण शर्मा, एडीएम (वित्त एवं राजस्व)