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हिमालयी प्रदेशों में लद्दाख के बाद उत्तराखंड में सर्वाधिक वर्षा, बर्फबारी होने से सड़कें भी बंद

चंपावत। प्री मानसून अवधि के शुरुआती दिनों में हुई वर्षा ने उत्तराखंड समेत चार हिमालयी प्रदेशों को तर किया है। चारों ही देश के उत्तर पूर्वी प्रदेश हैं। हिमालयी प्रदेश लद्दाख में दीर्घ अवधि के औसत (एलपीए) से सबसे अधिक वर्षा हुई है। एलपीए से अधिक वर्षा के मामले में लद्दाख के बाद उत्तराखंड का नंबर है।

हिमाचल प्रदेश तीसरे और जम्मू कश्मीर चौथे स्थान पर है। दूसरी ओर पूर्व और उत्तर पूर्व में आने वाले आठ प्रदेशों में वर्षा नहीं हुई। मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा में तो बूंद तक नहीं गिरी। मौसम विभाग मार्च से मई की अवधि को प्री मानसून की श्रेणी में रखता है। इस बार प्री मानसून अवधि की शुरुआत होते ही उत्तर पूर्वी राज्यों में तीन दिनों तक वर्षा का अच्छा दौर देखा गया।

बर्फ गिरने से ऊंचाई वाली पहाड़ियां लकदक हो गईं। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर पूर्व के राज्य उत्तराखंड समेत चार हिमालयी प्रदेशों में इस बार सामान्य से तीन से पांच गुना अधिक वर्षा हुई है। वर्षा ज्यादा होने के कारण लद्दाख, उत्तराखंड, हिमाचल में पूरे मार्च की वर्षा का कोटा पूरा हो गया है। वहीं, पूर्वी व उत्तर पूर्वी प्रदेशों में आने वाले असम, अरुणाचल, नागालैंड, सिक्किम में छिटपुट वर्षा हुई, जबकि चार अन्य प्रदेश ड्राई रहे हैं।

उत्तराखंड के मौसम विज्ञान केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा कि मार्च पहले सप्ताह में मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तराखंड समेत उत्तर पूर्वी राज्यों में अच्छी वर्षा देखने को मिली। पूर्वोत्तर राज्यों की तरफ विक्षोभ का प्रभाव नहीं था। नौ मार्च तक उत्तराखंड में वर्षा व हिमपात की खास गतिविधि की संभावना नहीं है।

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