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एंडरसन क्यों हैं सबसे सफल तेज गेंदबाज? पांच विकेट लेकर शुरू किया था करियर, 21 साल बाद रचा इतिहास

भारत और इंग्लैंड के बीच धर्मशाला में खेले जा रहे पांचवें टेस्ट में जेम्स एंडरसन ने इतिहास रच दिया। वह टेस्ट क्रिकेट में 700 विकेट पूरे करने वाले दुनिया के पहले तेज गेंदबाज बन गए। वहीं, टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में वह तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं। उनसे आगे सिर्फ श्रीलंका के पूर्व स्पिनर मुथैया मुरलीधरन (800 विकेट) और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व स्पिनर शेन वॉर्न (708 विकेट) हैं। टेस्ट में मौजूदा शीर्ष पांच सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों में एंडरसन इकलौते एक्टिव गेंदबाज हैं। एंडरसन ने शनिवार को कुलदीप यादव को विकेटकीपर बेन फोक्स के हाथों कैच कराया और 700 विकेट पूरे किए।  एंडरसन ने 22 मई 2003 को लॉर्ड्स में जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेला था। उन्होंने डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में पांच विकेट झटके थे। अब 41 साल की उम्र में भी उनकी धार कम नहीं हुई है। वह अब तक 187 टेस्ट खेल चुके हैं और सबसे ज्यादा टेस्ट खेलने वाले सचिन तेंदुलकर से 13 टेस्ट पीछे हैं। इसके अलावा वह 194 वनडे में 269 विकेट और टी20 अंतरराष्ट्रीय में 18 विकेट समेत कुल 987 विकेट ले चुके हैं। टेस्ट में 42 रन देकर सात विकेट उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी है, जबकि वनडे में 23 रन देकर पांच विकेट और टी20 अंतरराष्ट्रीय में 23 रन देकर तीन विकेट उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी है। टेस्ट में एंडरसन 32 बार पारी में पांच विकेट ले चुके हैं, जबकि वनडे में उन्होंने ऐसा दो बार किया है।

टेस्ट में एंडरसन के किस देश के खिलाफ कितने विकेट

खिलाफ मैच विकेट पारी में
पांच विकेट
ऑस्ट्रेलिया 39 117 5
बांग्लादेश 2 9 0
भारत 39* 149 6
न्यूजीलैंड 20 84 3
पाकिस्तान 20 82 3
दक्षिण अफ्रीका 29 103 4
श्रीलंका 14 58 5
वेस्टइंडीज 22 87 5
जिम्बाब्वे 2 11 1
कुल 187 700* 32

एंडरसन ने अपना पहला टेस्ट विकेट 2003 में मार्क वरम्यूलेन के रूप में लिया था। इसके बाद हर 100 विकेट का अंतराल दो से तीन साल का रहा। हालांकि, 600 से 700 विकेट पूरे करने में उनको चार साल लग गए। 600वां विकेट एंडरसन ने 2020 में अजहर अली के रूप में लिया था। वहीं, चार साल बाद अब उन्होंने 700 विकेट पूरे किए। हालांकि, एंडरसन का प्रदर्शन अपने घर में जितना अच्छा रहा है, उतना अच्छा विदेशों में नहीं रहा है। इंग्लैंड में उन्होंने 105 टेस्ट में 24.50 की औसत से 434 विकेट निकाले हैं। वहीं, विदेशी जमीन पर 82 टेस्ट में अब तक 266 विकेट लिए हैं। हालांकि, एंडरसन को भारत के खिलाफ गेंदबाजी करना काफी पसंद है। उन्होंने भारतीय टीम के खिलाफ टेस्ट में सबसे ज्यादा 148 विकेट लिए हैं। वहीं, दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया (117) और तीसरे नंबर पर दक्षिण अफ्रीका (103) है।टेस्ट में एंडरसन के पसंदीदा शिकार

खिलाड़ी कितनी बार
आउट किया
चेतेश्वर पुजारा* (भारत) 12
पीटर सिडल (ऑस्ट्रेलिया) 11
डेविड वॉर्नर* (ऑस्ट्रेलिया) 10
अजहर अली* (पाकिस्तान) 9
माइकल क्लार्क (ऑस्ट्रेलिया) 9
सचिन तेदुलकर (भारत) 9
केन विलियम्सन* (न्यूजीलैंड) 9
1. बेहतरीन फिटनेस
दुनिया के बाकी क्रिकेटरों की तरह जेम्स एंडरसन भी कई बार चोटिल हुए हैं। हालांकि, उनके चोटिल होने की फ्रिक्वेंसी अन्य तेज गेंदबाजों की तुलना में काफी कम रही है। ज्यादातर तेज गेंदबाज उम्र बढ़ने के साथ रन अप छोटी कर देते हैं, लेकिन एंडरसन ने इसे बकरार रखा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ज्यादा रनिंग बढ़ती उम्र में भी एंडरसन की फिटनेस का असल राज है।
2. शानदार वर्कलोड मैनेजमेंट
एंडरसन के ऊपर कभी बहुत ज्यादा वर्कलोड नहीं डाला गया। सीमिंग और स्विंगिंग कंडीशन में उन्हें ज्यादा मैच खिलाए गए। साथ ही कई वर्षों तक स्टुअर्ट ब्रॉड जैसा जोड़ीदार मिलने से भी उनके ऊपर बोझ कम रहा। इससे एंडरसन खुद को लंबे समय तक कामयाब बनाए रख सके। अभी भी उन्हें हर अगले मैच में आराम दिया जाता है। सिर्फ भारत के खिलाफ इस सीरीज में वह लगातार चार टेस्ट खेले हैं। वर्कलोड मैनेजमेंट से उन्हें आगे के मैचों के लिए फिट रहने में मदद मिलती है।
3. हमेश नई चीजों को सीखने पर दिया जोर
एंडरसन जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आए थे तो उन्हें छा जाने वाला गेंदबाज नहीं माना गया था। उन्हें इंग्लैंड की टीम में अपनी जगह पक्की करने में कई साल लग गए थे। हालांकि, वह समय के साथ नई नई कला सीखते गए और खुद को टीम का एक अहम हिस्सा बनाते गए। पहले वह सिर्फ स्विंग पर ध्यान देते थे। इसके बाद उन्होंने रिवर्स स्विंग भी सीखी। स्लोअर डिलीवरी, बाउसंर, कटर सहित ऐसी कोई विधा नहीं है जिसमें एंडरसन पारंगत न हों। जहीर खान से उन्होंने गेंद को फेंकते समय हाथ में छुपाने की कला भी सीखी।
4. टीम मैनेजमेंट और बोर्ड का उन पर विश्वास
टीम मैनेजमेंट और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने हमेशा एंडरसन पर पूरा भरोसा जताया है। समय कितना भी कठिन रहा हो, एंडरसन को मौका दिया गया है। एंड्र्रयू स्ट्रॉस, एलिस्टेयर कुक और जो रूट सहित तमाम कप्तानों ने खराब प्रदर्शन के बावजूद उनका साथ दिया। शुरुआत में वे एशिया में कामयाबी हासिल नहीं कर पाते थे। इसके बावजूद टीम में उनकी जगह कभी खतरे में नहीं पड़ी। अब स्टोक्स भी उन पर भरोसा जता रहे हैं। उन्होंने वुड और रॉबिन्सन जैसे गेंदबाजों को रोटेट किया, लेकिन एंडरसन को प्लेइंग-11 से बाहर नहीं किया।

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